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देवघर का अजब-गजब अस्पताल, यहां एक्सपायरी दवाएं ऐसे किए जाते हैं डिस्पोज! - Health Department Negligence

Sarath CHC Deoghar. देवघर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर हुई है. एक सरकारी अस्पताल में एक्सपायरी स्लाइन को ऐसी जगह रखा गया है कि जिसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं. बहरहाल, सिविल सर्जन ने मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया है.

Sarath CHC Deoghar
देवघर का सारठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और टॉयलेट में रखे स्लाइन. (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 27, 2024, 4:07 PM IST

देवघर:जिले के सारठ प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही दिखी है. यहां एक्सपायरी स्लाइन को नियमानुसार डिसपोज नहीं किया जाता है, बल्कि एक्सपायरी स्लाइन ऐसी जगह पर रखी जाती है कि यह जान कर आपको काफी हैरानी होगी.

देवघर का सारठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के टॉयलेट में रखी स्लाइन और बयान देते सिविल सर्जन. (वीडियो-ईटीवी भारत)

अस्पताल के टॉयलेट में रखी गई एक्सपायरी स्लाइन

सारठ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के टॉयलेट में एक्सपायरी स्लाइन रखी जाती है. इससे स्पष्ट है कि देवघर का स्वास्थ्य विभाग अपने काम के प्रति कितना गंभीर है. टॉयलेट में रखी गई स्लाइन ज्यादातर एक्सपायर हो गई हैं. नियमानुसार इन स्लाइन की बोतलों को डिस्पोज करना चाहिए, लेकिन स्लाइन अस्पताल के टॉयलेट की शोभा बढ़ा रही हैं.

प्रतिदिन सैकड़ों मरीज पहुंचते हैं सारठ सीएचसी

बताते चलें कि देवघर के सारठ सीएचसी में सैकड़ों मरीज प्रतिदिन इलाज कराने पहुंचते हैं और टॉयलेट का उपयोग भी करते हैं. ऐसे में ये स्लाइन टॉयलेट में रखना कहां तक उचित है यह समझा जा सकता है. इस संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने सारठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद कर्मचारियों से बात करने की कोशिश की तो कैमरे पर बोलने से सभी कर्मचारी बचते नजर आए, लेकिन कर्मचारियों ने ऑफ कैमरा कहा कि अस्पताल में जगह नहीं होने के कारण एक्सपायरी दवा को तत्काल बाथरूम में रख दिया गया है.

एक्सपायरी दवाईयां डिसपोज करने के हैं नियम

वहीं सारठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही का मामला उजागर होने के बाद देवघर के सिविल सर्जन डॉक्टर रंजन सिन्हा बताते हैं कि दवाएं एक्सपायरी होने के बाद उन्हें स्टोर रूम से हटा दिया जाता है.लेकिन कई बार जगह नहीं रहने के कारण ऐसी जगह पर दवाइयां रख दी जाती हैं, लेकिन एक्सपायर दवाएं रखने के लिए भी नियम बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि एक्सपायरी दवाएं जांचने के लिए डॉक्टरों की टीम बनाई जाती है. जिसमें चिकत्सक यह जांच करते हैं कि दवाई को डिस्पोज करना है या फिर उसे किसी अन्य कार्य में लाया जा सकता है.

सिविल सर्जन ने कार्रवाई का दिया निर्देश

सिविल सर्जन ने कहा कि एक्सपायरी दवाएं जांचने के लिए डॉक्टरों की टीम अभी नहीं बनायी गई है. इस कारण एक्सपायरी दवाईयां का निरीक्षण नहीं हो पा रहा है, लेकिन सारठ सीएचसी में मामला उजागर होने के बाद सिविल सर्जन ने संबंधित पदाधिकारी को त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

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