लखनऊ में युवक की हत्या में गे हेड कांस्टेबल गिरफ्तार. (Video Credit; ETV Bharat) लखनऊ :राजधानी के कैंट क्षेत्र में 20 जनवरी को सदर कैंट रेलवे क्रासिंग पर मिले शव मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है. लगभग सात माह तक पुलिस की कई टीमें सर्विलांस, सीसीटीवी फुटेज व कॉल डिटेल खंगालने के बाद हत्यारोपी तक पहुंचने में सफल हुईं. पुलिस पूछताछ के दौरान इस प्रकरण में समलैंगिकता का प्रकरण सामने आया है. हत्या के आरोप में पुलिस ने लखनऊ में तैनात हेड कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया है. हत्यारोपी ने पुलिस को बताया कि ज्यादा पैसे मांगने पर क्रोधित होकर उसने हत्या की थी.
गे एप के जरिए हुई थी दोस्ती: पुलिस के मुतबिक कैंट थाना क्षेत्र में तैनात हेड कांस्टेबल रविन्द्र पाल सिंह की समलैंगिक एप के जरिये इन्दिरानगर निवासी कौशिक नाम के युवक से जान पहचान हुई. जिसके बाद दोनों में दोस्ती हुई. इसके बाद दोनों मिलने लगे.
शराब में जहर मिलाकर मारा:रविन्द्र ने कौशिक को अपने कमरे पर मिलने के लिए 20 जनवरी को बुलाया. मुलाकात के दौरान कौशिक की रविन्द्र से रुपये की मांग को लेकर कहासुनी हो गई. जिससे नाराज होकर रविन्द्र ने कौशिक की शराब में जहर मिलाकर उसे पिला दिया, जिससे कौशिक की मौत हो गई. इसके बाद हेड कांस्टेबिल ने शव रात के अंधेरे में कैण्ट रेलवे क्रासिंग के पास फेंक दिया. मृतक के परिजनों ने एक युवती सहित चार लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट कैंट थाने में दर्ज कराई थी.
कॉल डिटेल से आया पकड़ में: घटना की जांच एसीपी कैंट द्वारा की जा रही थी. काफी दिन बीत जाने के बाद सीडीआर में रविन्द्र सिंह की कॉल डिटेल पता चली, जिस पर रविन्द्र को हिरासत लिया गया. पूछताछ में उसने मर्डर की पूरी कहानी बयां की. डीसीपी ईस्ट शशांक सिंह ने बताया कि 21 जनवरी 2024 को थाना कैण्ट क्षेत्र रेलवे ट्रैक पर एक युवक का शव मिला था. तमाम साक्ष्यों एवं गवाहों तथा मोबाइल की छानबीन करने के बाद घटना में संदिग्ध लखनऊ ट्रैफिक पुलिस में तैनात हेडकांस्टेबल रविन्द्र पाल सिंह को हिरासत मे लेकर पूछताछ की गई, जिसके बाद हत्याकांड का खुलासा हुआ.
बरेली में फरार इंस्पेक्टर पर दर्ज हुआ पिस्टल-कारतूस के गबन का मुकदमा:फरीदपुर थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक द्वारा तस्करों को छोड़ने के बदले ₹700000 लेने के मामले में फरार इंस्पेक्टर के खिलाफ सरकारी पिस्टल और 10 कारतूस के गबन का गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. फरीदपुर थाने में तैनात रहे थाना प्रभारी रामसेवक के थाना परिसर में बने कमरे से 984900 रु बरामद हुए थे. इसके बाद आरोप लगा था कि रामसेवक ने दो स्मैक तस्करों को छोड़ने के बदले 7 लाख रुपए की रिश्वत ली थी जिसकी गुप्त सूचना पर बरेली के एसएसपी ने पुलिस अधीक्षक दक्षिणी मानुष पारीक और क्षेत्राधिकार फरीदपुर को थाना प्रभारी रामसेवक के कमरे में छापा मारने के आदेश दिए थे. जहां छापे के दौरान कमरे से पुलिस ने लगभग 10 लाख रुपए नगद बरामद किए गए थे. इधर इससे पहले ही रामसेवक मौके से फरार हो गया था. साथ में सरकारी पिस्टल और 10 मैगजीन भी ले गया.
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