जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने चिकित्सा विभाग में 10 साल से ज्यादा समय से संविदा पर काम कर रहे रेडियोग्राफर, फार्मासिस्ट और हेल्पर सहित अन्य को सेवा में नियमित नहीं करने और तय वेतन रोकने पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने प्रमुख चिकित्सा सचिव और स्वास्थ्य निदेशक सहित बूंदी सीएमएचओ से पूछा है कि याचिकाकर्ताओं को नियमित क्यों नहीं किया गया और उनका तय वेतन क्यों रोका गया. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश फिरदौस व रामकन्या सहित अन्य की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता योगेश टेलर ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सीएचसी इंदरगढ़, बूंदी में सफाई कर्मचारी, कनिष्ठ लिपिक, रेडियोग्राफर, फार्मासिस्ट और हेल्पर पद पर वर्ष 2012 से संविदा पर कार्यरत हैं. इसके बावजूद भी चिकित्सा विभाग की ओर से 10 साल की सेवा के बाद भी उन्हें नियमित नहीं किया जा रहा है. इसके अलावा उन्हें जो वेतन दिया जा रहा था, उसे भी रोक लिया गया है. वहीं अब उन्हें सेवा से हटाने की तैयारी की जा रही है.