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हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल की फायर फाइटिंग सर्विस फेल, आग लगी तो कैसे बचेगी मरीजों की जान

Sheikh Bhikhari medical college. हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में मॉक ड्रिल के दौरान बड़ी खामी सामने आई है. अस्पताल में फायर सेफ्टी की व्यवस्था फेल है.

Sheikh Bhikhari Medical College
हजारीबाग का शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल. (फोटो-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 5 hours ago

हजारीबाग:शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग में फायर फाइटिंग सर्विस फेल है. आलम यह है कि अग्निशमन विभाग से एनओसी प्राप्त होने के बाद भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फायर फाइटिंग सर्विस काम नहीं कर रहा है. यहां तक की पंप हाउस भी खराब पड़ा है. अस्पताल में आग से बचाव के लिए जो उपकरण लगाए गए थे, वे सभी खराब हो चुके हैं. ऐसे में अगर आग लग जाए तो मरीजों की जान भगवान भरोसे ही बच सकती है. इस बात का खुलासा तब हुआ, जब हजारीबाग अग्निशमन विभाग की टीम मॉकड्रिल करने के लिए अस्पताल पहुंची. अस्पताल में फायर सेफ्टी का हाल देखकर फायर स्टेशन ऑफिसर के होश उड़ गए.

हजारीबाग में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. खास कर डीएमएफटी फंड से यहां न जाने कितने उपकरणों की खरीद की गई है, ताकि मरीजों को लाभ मिल सके. लेकिन हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में तमाम फायर सेफ्टी उपकरण शोभा की वस्तु बनकर रह गए हैं. अगर अस्पताल में आग लग जाए तो मरीजों को बचाना असंभव है. क्योंकि सारे उपकरण खराब हो चुके हैं.

हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फायर फाइटिंग सर्विस फेल (वीडियो-ईटीवी भारत)

आपको बता दें कि हजारीबाग में मेडिकल कॉलेज अस्पताल तो बना दिया गया, लेकिन मरीजों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. अग्निशमन विभाग ने शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल को एनओसी दिया था, लेकिन सिर्फ कागज पर ही दिख रहा है. अस्पताल परिसर के अंदर एक भी फायर फाइटिंग डिवाइस काम नहीं कर रहा है.

जिले के सबसे बड़े अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम पूरी तरह से फेल हो चुका है. पंप हाउस के दरवाजे पर ताला लटका है. यही नहीं जो उपकरण लगाए गए थे, वह सभी टूट चुके हैं और धूल फांक रहे हैं. अस्पताल के रिसेप्शन पर लगा डिवाइस भी टूटा हुआ है.

इस संबंध में हजारीबाग के फायर स्टेशन ऑफिसर शैलेंद्र किशोर का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में आग से बचाव के उपकरण से लेकर आग बुझाने के उपकरण सभी खराब पड़े हैं. ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि यह अस्पताल राम भरोसे है. वहीं फायर सेफ्टी सर्विस के फेल होने पर शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अली करण पुर्ती ने कहा कि बहुत जल्द अस्पताल में फायर सेफ्टी की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा.

गौरतलब हो कि 16 नवंबर 2024 को उत्तर प्रदेश के झांसी में रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु वार्ड में अगलगी की घटना हुई थी. जिसमें 10 बच्चों की मौत हुई थी. लेकिन घटना से शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने सीख नहीं ली. कब तक फायर फाइटिंग सर्विस दुरुस्त किया जाएगा इसका इंतजार रहेगा.

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