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शहर को सुंदर बनाने के लिए लाखों रुपये किए गए खर्च लेकिन हालात बदतर! जानें, कारण - Bad condition of Hazaribag lake

Hazaribag Lake become worse. हजारीबाग का दिल कहा जाना वाला झील और आसपास का क्षेत्र रख-रखाव के अभाव में बर्बाद होता जा रहा है. झील परिसर के पास ही सेल्फी प्वाइंट बनाया गया जिसमें लिखा हुआ है कि "मुस्कुराइए आप हजारीबाग में हैं" इसकी स्थिति भी बदतर हो गई है.

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हजारीबाग झील के आसपास का क्षेत्र (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 17, 2024, 9:39 PM IST

हजारीबाग: जिला प्रशासन ने हजारीबाग को खूबसूरत एवं आकर्षक बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं लेकिन स्थिति सकारात्मक नहीं दिख रही है. हजारीबाग के दो जगहों पर सेल्फी प्वाइंट बनाया गया, जिसमें लिखा गया कि "मुस्कुराइए आप हजारीबाग में हैं" झील स्थित सेल्फी प्वाइंट की स्थिति बदतर हो चुकी है. वहीं, सड़क के दोनों ओर ग्रीन कारपेट ग्रास लगाकर उसे घेरा गया था, जो वह भी अब झाड़ी में तब्दील हो चुका है. असामाजिक तत्वों ने वहां के ग्रीन ग्रास कारपेट, लाइट, पेड़-पौधे और लोहे के बैरिकेड को तोड़ दिये हैं. आलम यह है कि यह देखने में बेहद खराब लग रहा है.

संवाददाता गौरव प्रकाश की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

सेल्फी प्वाइंट के चारों ओर झाड़ियों का नजारा

वहीं, रांची से हजारीबाग प्रवेश करने की जगह पर भी ऐसा ही एक सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है. सेल्फी प्वाइंट में लाइट तो जरूर जलता है लेकिन चारों ओर घास और झाड़ी के उगने से उसकी खूबसूरती कम होती जा रही है. नगर निगम ने विभिन्न वार्ड में भी "आई लव वार्ड" बनाया है. वार्ड में ही सेल्फी प्वाइंट तैयार किया गया. सेल्फी प्वाइंट में पौधे लगाए गए लेकिन आज वह पौधे सूख चुके हैं या पौधे की चोरी हो चुकी है. पुराना समाहरणालय से लेकर झील तक सड़क के दोनों ओर ग्रीन ग्रास कारपेट लगाया गया. इसके अलावे पूरे रास्ते के दोनों ओर पौधे लगाए गए हैं लेकिन आज वह भी सुखकर बर्बाद हो गए हैं. इसे देखने वाला भी कोई नहीं है.

45 लाख में बनाया जा रहा ग्रीनरी डेवलपमेंट

यूनियन बैंक के सीएसआर से करीब 40 हजार रुपये के सेल्फी प्वाइंट ‘मुस्कुराइए आप हजारीबाग में हैं’ का बोर्ड बनाया गया. ग्रीनरी डेवलपमेंट लगभग 45 लाख में बनाया जा रहा है. ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि अगर नगर निगम के पास रखरखाव की व्यवस्था नहीं है तो इस तरह से पैसे का खर्च क्यों कर रही है. इन पैसों का उपयोग वैसे जगह भी हो सकते हैं जिसका लाभ आम जनता को मिल सके. नगर निगम आम जनता की गाढ़ी कमाई से टैक्स वसूलता है. उस टैक्स के पैसे से विकास होता है. अगर आम जनता को योजना का लाभ नहीं मिला तो यह कहना गलत नहीं होगा कि जनता की गाढ़ी कमाई के टैक्स का पैसा बर्बाद हो रहा है.

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