चाईबासा: पुलिस ने दंपती हत्याकांड का खुलासा कर दिया है. पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने बताया कि हत्या को अंजाम वाले आरोपियों में सोनुवा थाना क्षेत्र के देवाबीर ग्राम निवासी रामराई सुरीन और मंगता सुरीन, झींकपानी थाना क्षेत्र निवासी बुधन सिंह सवैयां उर्फ छोटा शामिल थे. जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
क्या है मामला
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 20 दिसम्बर को चक्रधरपुर थाना अंतर्गत ग्राम उटुटुवा में एक अज्ञात व्यक्ति की सरकटी लाश बरामद की गई थी, जिसके आलोक में चक्रधरपुर थाना में मामला अंकित किया गया था. इसी घटना के दो दिन बाद 22 दिसम्बर को मुफस्सिल थाना अंतर्गत ग्राम आचू में सड़क किनारे एक अज्ञात महिला का लाश पाया गया था, जिसके सिर पर चोट के निशान थे और गर्दन किसी धारदार हथियार से काटा हुआ था. जिसमें मुफस्सिल थाना में मामला दर्ज किया गया था.
इस संबंध में एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में सूचना मिली की हजारीबाग जिला के रहने वाला एक दंपती 17 दिसम्बर को चाईबासा जिला आये थे, लेकिन 29 दिसंबर की रात्रि से उनके परिजनों का इनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है. इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए उनके परिजनों से शवों की पहचान कराई गई. जो निर्मल एक्का पिता पीटर एक्का, कोर्रा, हजारीबाग और उनकी पत्नी रश्मि मोनिका सनमानी, पति निर्मल एक्का के रूप में पहचान किए गए.
दोनों कांड के उद्भेदन के लिए पुलिस अधीक्षक, चाईबासा के द्वारा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर, चाईबासा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. टीम द्वारा तकनीकी सहयोग और वैज्ञानिक तरीकों से अनुसंधान करते हुए इन दोनों कांड में संलिप्त तीनों अभियुक्तों रामराई सुरीन, बुधन सिंह सवैयां उर्फ छोटा एवं मंगता सुरीन की गिरफ्तारी की गयी है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया की हत्यारोपी रामराई सुरीन वर्ष 2012 से सोनुवा थाना कांड सं0-42/12 में मंडल कारा हजारीबाग में सजायाफ्ता कैदी के रूप में सजा काट रहा था. इसी दौरान इसकी दोस्ती मंडल कारा में गार्ड के रूप में तैनाल हजारीबाग निवासी सेवानिवृत सैन्य कर्मी निर्मल एक्का से हो गयी. जिसके बाद निर्मल एक्का ने बताया कि उसने जमीन ले ली है, इसलिए पैसे की जरूरत है, पर तुम्हारा (रामराई) खर्चा जेल में कैंटीन से चल रहा है. पैसा देते रहो मैं बाद में वापस कर दूंगा. वर्ष-2021 से लगभग साढ़े पांच लाख रुपये रामराई ने निर्मल एक्का को दिया. रामराई द्वारा पैसे की मांग करने पर निर्मल एक्का अपनी CIAZ CAR को रामराई को ले जाने को कहा.
09.10.24 को जमानत पर कारा से मुक्त होने के बाद निर्मल की गाड़ी को लेकर अपने गांव देवावीर आ गया. जिसके बाद रामराई के द्वारा निर्मल एक्का को फोन करके बताया गया कि तुम्हारी गाड़ी का आगे का हिस्सा टूटा हुआ है, जिस पर निर्मल द्वारा कहा गया गाड़ी नहीं लोगे तो मैं अपनी गाड़ी वापस ले लूंगा और पैसा भी नहीं दूंगा. जिस पर रामराई को बहुत गुस्सा आया और उसे जान से मारने के लिए सोचा. 17 दिसंबर को अपनी CIAZ CAR लेने के लिए निर्मल एक्का अपनी पत्नी रश्मि मोनिका सनमानी के साथ बस से चाईबासा आया. जहां रामराई सुरीन द्वारा उन्हें अपने सहयोगियों के मदद से रिसीव किया. बहुत रात तक दोनों को इधर-उधर घुमाने के बाद उन्हें अन्य अभियुक्त बुधन सिंह सवैयों के ग्राम केलेडे, थाना स्थित आवास पर रखा.
दो दिन रखने के बाद उन्हें दिनांक 19 दिसम्बर को संध्या में यह बोलकर गाड़ी में बिठाया कि उन्हें वे लोग चक्रधरपुर तक छोड़ देंगे, लेकिन उनकी मंशा गाड़ी वापस करने की नहीं थी. जिसके कारण रामराई सुरीन गाड़ी की डिक्की में कुल्हाड़ी लेकर निकला और अपने सहयोगी बुधन सवैयां एवं मांगता सुरीन के साथ बरकेला के रास्ते जंगल में ले गया.