लखीमपुर खीरी : 'हम दादी का हाथ पकड़े थे, एक दम से रेला आया और भीड़ हमको रौंदते हुए आगे बढ़ने लगी. पहले हम दादी को और दादी हमें बचाचती रही, लेकिन भगदड़ के बीच हमारा हाथ दादी के हाथ से छूट गया. इसके बाद किसी ने हमें बालों से घसीट ऊपर उठा लिया, लेकिन भीड़ दादी को रौंदती रही और जब भीड़ का आतंक थमा तो दादी के पाण पखेरू उड़ चुके थे.
यूपी के हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में फंसी लखीमपुर खीरी के गोला तहसील के मोहम्मदी कोतवाली इलाके के बहादुरगंज गांव प्रीति (12) यह बात कहते ही फफक कर रो पड़ती है. प्रीति अपनी दादी यशोदा देवी (65) के साथ प्रवचन सुनन गई थी. बताते हैं कि यशोदा पिछले 12 साल से साकार हरि विश्व के हर सत्संग में जाया करती थीं. यशोदा देवी सोमवार को पोती प्रीति को लेकर सत्संग में गई थीं. गांव से करीब 15 महिला-पुरुष सत्संग में गए थे, बस की व्यवस्था भी थी. आसपास के गांवों के लोग भी बस में सवार होकर पहुंचे थे.
प्रीति के मुताबिक मंगलवार को सत्संग खत्म हो गया था, लेकिन लोग बाबा की चरण धूलि लेने के लिए उमड़ रहे थे. इसी दौरान भगदड़ मची गई. किसी को कुछ समझ नहीं आया और सभी उधर-उधर भागने लगे. भीड़ में खोने के डर से यशोदा और प्रीति ने एक दूसरे का हाथ कसकर पकड़ रखा था, लेकिन बेकाबू भीड़ दोनों को रौंदते हुए निकलनी लगी. इसी बीच किसी ने मुझे बाल पकड़ कर उठा लिया, लेकिन दादी का हाथ छूट चुका था. भगदड़ थमने के बाद दादी बेसुध हालात में मिलीं तो कुछ लोगों ने अलीगढ़ अस्पताल पहुंचाया. जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. बेहजम ब्लाॅक के मुड़िया गांव के संतोष, उत्तम और रामू भी सत्संग गए थे, वे सब ठीक हैं. रामू बताते हैं कि महिलाएं ही आगे थीं. भगदड़ के बाद महिलाओं को मौक सबसे ज्यादा हुई है.