लखनऊ: हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ की न्यायिक जांच चल रही है. योगी सरकार ने जांच के लिए तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया था. अब गृह विभाग ने आयोग को विधिक राय देने के लिए सीनियर अभियोजन अफसर को संबद्ध किया है. वहीं इस हादसे को लेकर गठित एसआईटी सरकार को अपनी जांच सौंप चुकी है.
मंगलवार को गृह विभाग ने आदेश जारी करते हुए बताया है कि हाथरस हादसे को लेकर गठित न्यायिक जांच आयोग का कार्यालय हाथरस के विकास भवन में स्थित है. आयोग को विधिक राय देने के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में तैनात वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी व संयुक्त निदेशक अभियोजन अवधेश कुमार सिंह को आयोग के कार्यालय से संबद्ध किया गया है.
SIT ने जांच कर सरकार को सौंपी थी रिपोर्ट:2 जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ में भोलेबाबा के सतसंग कार्यक्रम के बाद भगदड़ मच गई थी, जिसमें 121 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में सिकंदराराऊ थाने में 2 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 (हत्या के बराबर न होने वाली गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) और 238 (साक्ष्य मिटाना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.