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स्थाई पदों पर अस्थाई नियुक्तियों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, मुख्य सचिव और HKRN के CEO पर 50 हजार का जुर्माना - HARYANA HIGH COURT

स्थाई पदों पर अस्थाई नियुक्तियों को लेकर हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और HKRN के CEO पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है.

HARYANA HIGH COURT
अस्थाई नियुक्तियों को लेकर हाईकोर्ट सख्त (File Photo)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 20, 2025, 5:02 PM IST

पंचकूला: हरियाणा में स्थाई सरकारी पदों पर अस्थाई नियुक्तियों पर खड़े हुए सवाल पर अब हाईकोर्ट ने भी गंभीरता दिखाई है. इससे संबंधित एक मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की, इस दौरान हाईकोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव व हरियाणा कौशल रोजगार निगम के अध्यक्ष डॉ. विवेक जोशी और हरियाणा कौशल रोजगार निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमित खत्री पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

पिछले दरवाजे से नियुक्तियां:दोनों अधिकारियों ने पिछले दरवाजे से नियुक्तियां करने संबंधी मामले में अवमानना याचिका पर जवाब दाखिल नहीं किया था. इस पर हाईकोर्ट ने कड़ा रूख अपनाते हुए उक्त अधिकारियों पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया. इस जुर्माना राशि को एचकेआरएन के अध्यक्ष डॉ. विवेक जोशी और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित खत्री द्वारा आनुपातिक रूप से साझा किया जाएगा.

हाईकोर्ट के सामान्य निर्देशों की अवहेलना:जस्टिस हरकेश मनुजा ने यह आदेश ऐसी नियुक्तियों के खिलाफ हाईकोर्ट द्वारा जारी सामान्य निर्देशों की अवहेलना करने के खिलाफ जगबीर मलिक द्वारा दायर याचिका का जवाब नहीं देने पर पारित किए.

हाईकोर्ट ने जारी किए थे सामान्य निर्देश: दरअसल, 13 अगस्त 2004 को सज्जन सिंह बनाम हरियाणा सरकार और अन्य नामक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सामान्य निर्देश जारी किए थे. इसके तहत हरियाणा सरकार और उसके सभी विभागों के पदाधिकारीयों को परियोजना कार्यों या निर्दिष्ट अवधि के कार्यों को छोड़कर अनुबंध के आधार पर या दैनिक वेतन के आधार पर नियुक्तियां करने से रोक दिया गया था.

न्यायालय के निर्देशों की जानबूझकर अवहेलना: याचिकाकर्ता ने कहा कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट बार-बार सार्वजनिक रोजगार में तदर्थवाद को रोकने के लिए निर्देश जारी कर रहे हैं, ताकि संविधान के तहत प्रदत्त रोजगार की संवैधानिक योजना के अनुसार सार्वजनिक पदों को भरा जा सके. संवैधानिक पीठ ने टिप्पणी की थी कि "राज्य को सामान्य नियम से हटकर स्थाई पदों पर अस्थाई रोजगार देने की अनुमति क्यों दी जानी चाहिए". याची ने कहा है कि हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित निर्णयों को दरकिनार कर राज्य ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) के माध्यम से लाखों स्वीकृत पदों को अनुबंध के आधार पर विज्ञापित किया है, जो न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों की स्पष्ट और जानबूझकर अवहेलना है.

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