नूंह:हरियाणा स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के विभाग की पंचकूला के आला-अधिकारियों की टीम ने नूंह जिले में डेरा डाला हुआ है. तीन दिवसीय दौरे के दौरान स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी न केवल डॉक्टर के साथ बैठक करेंगे, बल्कि गांव-गांव जाकर स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेंगे. धरातल पर आम नागरिक को स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं सही प्रकार से मिल पा रही हैं या नहीं इसका भी बारीकी से आकलन किया जाएगा. बुधवार को एनएचएम निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह यादव ने सबसे पहले अल-आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा का दौरा किया और खामियों को देखकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में जमकर लताड़ लगाई.
स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर होगा मंथन: उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग नूंह अपने काम पर विशेष ध्यान नहीं दे रहा है. काफी कुछ गुंजाइश यहां दिखाई दे रही है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग पंचकूला के अन्य अधिकारियों की टीम ने गुरुवार को अलग-अलग क्षेत्र में जाकर स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया. शुक्रवार को भी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की टीम तावडू क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल जानेगी और सभी टीमों व कई जिलों के सिविल सर्जन की उपस्थिति में तावडू में बैठक होगी. जिन जिलों में जो बेहतर काम दिखाई देगा, उसे दूसरे जिलों में लागू किया जाएगा.
अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप: स्वास्थ्य विभाग की टीम सबसे पहले सिरसा, फतेहाबाद इत्यादि जिलों में गई थी. उसके बाद अब टीम में नूंह, पलवल, गुड़गांव और फरीदाबाद जिलों में जाकर स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा ले रही हैं. सबसे खास बात यह है कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर साकरस गांव से ताल्लुक रखने वाले शमीम अहमद व उनके साथियों ने अल आफिया अस्पताल में भ्रष्टाचार से लेकर कमियों को उजागर किया है. कुछ डॉक्टरों पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसके अलावा, अस्पताल में दवाइयां, अल्ट्रासाउंड मशीन, आईसीयू इत्यादि के सुचारू नहीं होने पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं.