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हरियाणा का 'गब्बर' अभी गुस्से में है, कबूल नहीं नायब सैनी के दिए नये मंत्रालय, सोशल मीडिया पर लिखा पूर्व मंत्री - ANIL VIJ ANGRY ON NEW MINISTRY

हरियाणा के गब्बर अनिल विज की नायब सैनी से नाराजगी शायद अभी दूर नहीं हुई. उन्होंने खुद को सोशल मीडिया पर पूर्व मंत्री लिखा है.

ANIL VIJ ANGRY ON NEW MINISTRY
मुख्यमंत्री नायब सैनी और अनिल विज (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 28, 2024, 10:01 PM IST

Updated : Oct 28, 2024, 10:10 PM IST

चंडीगढ़: गब्बर के नाम से चर्चित हरियाणा के परिवहन और ऊर्जा मंत्री अनिल विज क्या अभी गुस्से में हैं. ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि नायब सैनी के दूसरे कार्यकाल में मंत्री बनने के 10 दिन बाद भी अनिल विज ने अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल में अभी भी नया मंत्रालय अपडेट नहीं किया है, बल्कि खुद को पूर्व मंत्री लिखा है. दूसरी तरफ वो लगातार अपने पेज पर पोस्ट भी कर रहे हैं. नायब सैनी को सीएम बनाये जाने के समय से ही अनिल विज नाराज चल रहे थे. इसलिए एक बार फिर उनकी नाराजगी के चर्चे शुरू हो गये हैं.

सोशल मीडिया X पर लिखा पूर्व गृह मंत्री- अनिल विज ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल X पर खुद को EX यानि पूर्व गृह मंत्री लिखा है, जबकि वो नायब सैनी के नए मंत्रिमंडल में ऊर्जा और परिवहन मंत्री हैं. मनोहर लाल के दूसरे कार्यकाल यानि 2019 में अनिल विज को गृह मंत्री बनाया गया था. उनके पास स्वास्थ्य मंत्रालय पहले से था. यानि पिछले 5 साल से वो हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य जैसे बड़े मंत्रालय के मुखिया थे. वहीं मनोहर लाल की जगह जब मार्च 2024 में पहली बार नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया तो उसके बाद भी अनिल विज के पोर्टफोलियो में कोई परिवर्तन नहीं किया गया. लेकिन दूसरे कार्यकाल में उनसे गृह और स्वास्थ्य दोनो मंत्रालय ले लिया गया और पहले के मुकाबले छोटे मंत्रालय ऊर्जा और परिवहन दे दिया गया. उसके बाद से अनिल विज ने अपने X प्रोफाइल पर नया मंत्रालय नहीं लिखा. जबकि मंत्री बनने के बाद लगातार पोस्ट कर रहे हैं. X पर आखिरी पोस्ट 28 अक्टूबर की है.

अनिल विज की X प्रोफाइल. (Anil Vij X Page)

फेसबुक प्रोफाइल में अभी गृह मंत्री-फेसबुक पर अनिल विज के दो पेज हैं. एक पेज की प्रोफाइल में उन्होंने खुद का पोर्टफोलियो गृह मंत्रालय लिखा है. वहीं दूसरे पेज पर केवल अनिल विज नाम है. दूसरे पेज की प्रोफाइल में उन्होंने अपने मंत्रालय का कोई जिक्र नहीं किया है. जबकि पेज पर मंत्री बनने के बाद से लगातार पोस्ट कर रहे हैं. Anil Vij Home Minister वाले पेज पर आखिरी पोस्ट 28 अक्टूबर की है. वहीं Anil Vij पेज पर भी 27 अक्टूबर को पोस्ट की गई है.

नायब सैनी के दूसरे कार्यकाल में घटा कद- नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाये जाने के बाद से अनिल विज नाराज थे. शायद इसी नाराजगी का असर उनके नये पोर्टफोलियो में दिखा. जब नायब सैनी चुनाव बाद दोबारा मुख्यमंत्री बने तो अनिल विज का कद कैबिनेट में घटा दिया गया. अनिल विज से स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय ले लिया गया और उन्हें परिवहन और ऊर्जा मंत्री बना दिया गया. जबकि पहली बार विधायक बनीं आरती राव को स्वास्थ्य मंत्रा जैसा बड़ा मंत्रालय दे दिया गया और गृह विभाग सीएम नायब सैनी ने खुद अपने पास रखा. इसके बाद ये चर्चा शुरू हो गई कि अनिल विज को नायब सैनी का खुलेआम विरोध और नाराजगी की कीमत चुनानी पड़ी है. उनकी यही नाराजगी अभी तक दूर नहीं हुई है.

अनिल विज का फेसबुक पेज (Anil Vij FB Page)

गेट पर चपरासी बनायेंगे तब भी खुश रहूंगा-परिवहन और ऊर्जा मंत्री बनाये जाने के बाद अनिल विज ने खुलेआम नाराजगी तो जाहिर नहीं की लेकिन कहा था कि वो पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं अगर उन्हें गेट पर चपरासी भी बना दिया जायेगा तो खुश रहेंगे. हम जहां भी खड़ें होंगे वहीं से चौके छक्के मारेंगे. जो जिम्मेदारी मिली है उसको निभायेंगे. चपरासी जैसे शब्द के इस्तेमाल को सुनकर ये माना गया कि कद घटने पर ये अनिल विज की नाराजगी झलक रही है.

सीएम नायब सैनी को बताया था जूनियर- पूर्व गृह मंत्री अनिल विज हरियाणा में सबसे सीनियर नेता हैं. उन्होंने खुलेआम सीएम पद पर दावा भी ठोंका था. नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाये जाने पर अनिल विज ने कड़ा विरोध किया था और सार्वजनित तौर पर भी बयान दिया था. यहां तक कि विधायक दल की बैठक में भी शामिल नहीं हुए और सरकारी गाड़ी छोड़कर अंबाला चले गये थे. उन्होंने कहा कि मैने कभी कोई पद नहीं मांगा लेकिन मुख्यमंत्री बनने से इनकार भी नहीं किया था.

अनिल विज का दूसरा फेसबुक पेज (Anil Vij FB Page)

वोटिंग के बाद किया था सीएम बनने का दावा- हरियाणा में 5 अक्टूबर को हुई वोटिंग के बाद अनिल विज ने खुलेआम मुख्यमंत्री पद पर दावा जताया था. उन्होंने यहां तक कहा था कि अगर पार्टी ने चाहा तो अगली मुलाकात सीएम आवास पर होगी. लेकिन जब बीजेपी की सरकार बनी तो अनिल विज का पुराना कद भी घट गया. उनसे पुराने दोनों गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय ले लिये गये.

अनिल विज सबसे सीनियर नेता- अनिल विज हरियाणा में बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से हैं. इसीलिए जब नायब सैनी को सीएम बनाया गया तो उन्होंने उन्हें जूनियर बताकर विरोध किया. अनिल विज पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी करते थे. 1990 में अंबाला कैंट से सुषमा स्वाराज के इस्तीफे के बाद वो पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े. 1996 और 2000 में वो निर्दलीय जीते. वो केवल 2005 में चुनाव हारे. 2009, 2014 और 2019 और 2024 में लगातार चार बार से जीते.

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Last Updated : Oct 28, 2024, 10:10 PM IST

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