भिवानी/जींद: मेडल की खान के नाम से मशहूर हरियाणा के युवा खिलाड़ी ही नहीं बल्कि बुजुर्ग भी इतिहास रच रहे हैं. हरियाणा के बुजुर्गों एथलीटों ने खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर सबको चौंकाया है. 13 से 17 फरवरी तक महाराष्ट्र के पुणे में 44वीं नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था. इस प्रतियोगिता में भिवानी और जींद के बजुर्ग एथलीटों ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है.
भिवानी के राजपाल कलकल ने जीता गोल्ड मेडल: भिवानी के विद्या नगर निवासी 82 साल के सूबेदार राजपाल कलकल ने तीन प्रतिस्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतकर भिवानी और हरियाणा का नाम रोशन किया है. स्वर्ण पदक विजेता सूबेदार राजपाल कलकल 82 साल के हैं. उन्होंने इसी आयु वर्ग की 400 मीटर, 800 मीटर और 1500 मीटर दौड़ में हिस्सा लेते हुए तीनों ही प्रतिस्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीता.
युवाओं को नशे से दूर रहने की दी सलाह: भिवानी पहुंचने पर पदक विजेता सूबेदार राजपाल कलकल का जोरदार स्वागत किया गया. उन्होंने बताया "मैं पहले भी कई राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुका हूं. खेलों की कोई उम्र सीमा नहीं होती. खेल को अपनाकर व्यक्ति तंदुरुस्त व बीमारियों से दूर रह सकता है. मैं 82 साल का हो चुका हूं, खेल अपनाने की वजह से मैं बीमारियों से दूर हूं." युवाओं से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि वो नशे के चंगुल में ना फंसे बल्कि खेलों में हिस्सा लेकर स्वस्थ भारत का निर्माण करें.
तगड़ा है डाइट प्लान: राजपाल कलकल ने बताया कि उन्होंने हमेशा से ही देसी खान-पान को तवज्जो दी है. उन्होंने बताया कि वो सुबह खाली पेट करीब डेढ़ घंटे तक व्यायाम करते हैं. जिसके बाद घर आकर भुने हुए चने और गुड़ का सेवन करते हैं. इसके बाद 12 बजे के करीब वो आधा लीटर दूध, कॉर्नफ्लेक्स का नाश्ता करते हैं. इसके बाद साढ़े 3 बजे के करीब दो रोटी, सब्जी और सलाद का सेवन करते हैं. शाम 6 बजे फिर वो व्यायाम के लिए निकलते हैं. साढ़े 7 बजे के करीब वो घर वापस लौटकर फलों का सेवन करते हैं. इसके बाद रात 9 बजे दो चपाती, सब्जी और सलाद लेते हैं. उन्होंने बताया कि इसके बाद वो सोने से पहले आधा लीटर दूध और बॉर्नविटा पीकर सो जाते हैं.