चंडीगढ़:हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बुधवार को पंचकूला में प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के घोषणा पत्र पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि एक के बाद एक हुई हार से बौखलाई कांग्रेस अब तुष्टिकरण की राजनीति से आगे बढ़ने का खतरनाक खेल खेलना चाहती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र से स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस की सरकार बनी तो देशवासियों की मेहनत की कमाई पर 'पंजा' पड़ेगा और कांग्रेस पहले भी ऐसा ही कर चुकी है.
बहन-बेटियों के गहनों पर कांग्रेस की नजर: ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस की नजर अब बहन-बेटियों के सोने-चांदी आदि संपत्ति पर टिकी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनी तो समझो बहनों का मंगलसूत्र भी नहीं बचेगा. देशवासियों की मेहनत की कमाई कांग्रेस उन लोगों में बांटना चाहती है, जिनकी वह तुष्टिकरण के तहत राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र से साफ कर दिया है कि देश में बहुसंख्यक लोगों की कोई जगह नहीं है. घोषणा पत्र के के हर भाग में अल्पसंख्यकों का जिक्र किया गया है. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस अब इतना खतरनाक खेल खेलने जा रही है, जिसे आम आदमी सोच भी नहीं सकता. क्योंकि कांग्रेस एससी/एसटी आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को खत्म करना चाहती है.
देशवासियों को कांग्रेस कर चुकी है मजबूर: हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष एवं पंचकूला से विधायक ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनी तो देशवासियों का धन सुरक्षित नहीं रहेगा. क्योंकि कांग्रेस ऐसा पहले भी कर चुकी है. कहा कि वर्ष 1960 और 1970 के दशक में कांग्रेस ने कानून पास कर देशवासियों को सरकार के पास पैसा जमा कराने को विवश किया था. कंपल्सरी डिपाजिट स्कीम एक्ट के तहत कांग्रेस ने सभी करदाताओं, संपत्ति धारकों और सरकारी कर्मचारियों को अपनी कमाई का 18 प्रतिशत सरकार के पास जमा कराने को विवश किया था.
मनमोहन सिंह के बयान की निंदा:ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस की सोची-समझी साजिश का ही परिणाम था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का होने का बयान दिया था. कांग्रेस की सोच मुसलमानों को नौकरियों में 15 प्रतिशत आरक्षण देने की है और सबसे खतरनाक खेल कांग्रेस का धर्म परिवर्तन का है. कहा कि कांग्रेस धर्म परिवर्तन करने वालों का एससी दर्जा सुरक्षित रखना चाहती है.