रायपुर: 6 सितंबर को हरतालिका तीज या फिर कहें तीजा का व्रत सुहागन महिलाएं और कन्याएं रखेंगी. तीजा का पर्व भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को तीजा या हरितालिका तीज मनाई जाती है. यह व्रत भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को समर्पित माना गया है. तीज के दिन सुहागिन महिलाएं 24 घंटे का निर्जला उपवास रखकर अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति की लंबी आयु के लिए इस व्रत को करती हैं. व्रत में अन्न और जल को ग्रहण नहीं किया जाता है.
हरतालिका तीज का व्रत: तीज का व्रत का सुहागन महिलाएं रखती हैं. मान्यता है कि तीज का त्योहार मनाने और व्रत रखने से पति की आयु दीर्घायु होती है. पति पर आने वाली सभी मुसीबतों का अंत होता है. सुहागन महिलाओं के लिए ये व्रत काफी खास होता है. व्रत के अगले दिन व्रतधारी महिलाएं व्रत का पारण करती हैं. इस बार तीजा का व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा. तृतीया तिथि की शुरुआत 5 सितंबर को होगी और इसका पारण 7 सितंबर को होगा.
महीना भाद्रपद तिथि तृतीया, शुक्ल पक्ष को मनाया जाएगा त्योहार:ज्योतिष एवम वास्तुविद पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी ने बताया कि "6 सितंबर को भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को तीजा का पर्व मनाया जाएगा. भगवान भोलेनाथ माता पार्वती पर कृपा करते हैं और आशीष देते हैं. इस वजह से विवाहित महिलाओं के द्वारा तीजा का पर्व मनाया जाता है. असल में हरितालिका तीज जंगल में शिव की पूजा को माना गया है''.
''फुलेरा बनाकर महिलाएं निर्जला उपवास रहकर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा आराधना करती हैं. सुहागिन महिलाएं इस व्रत को पति की लंबी आयु के लिए अविवाहित कन्या इस व्रत को अच्छे पति को पाने की कामना के लिए करती हैं. तीजा व्रत के नियमों के बारे में उन्होंने बताया कि पहले तो यह है कि इस व्रत को पूरी तरह से निर्जला रहकर करना चाहिए''. - पंडित प्रियाशरण त्रिपाठी, ज्योतिष एवम वास्तुविद