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सबसे भरोसेमंद निकले दगाबाज! परिवार के करीबी ही ग्वालियर के शिवाय अपहरण के मास्टरमाइंड - GWALIOR SHIVAAY KIDNAPPING CASE

ग्वालियर के शिवाय अपहरण कांड को परिवार के सबसे करीबियों ने दगा देकर अंजाम दिया. इसके पीछे उनकी प्लानिंग कर्जा चुकाने की थी.

GWALIOR SHIVAAY KIDNAPPING CASE
परिवार के सबसे करीबी ही निकले अपहरण के मास्टरमाइंड (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 19, 2025, 6:55 PM IST

Updated : Feb 19, 2025, 7:22 PM IST

ग्वालियर: ग्वालियर में बड़े व्यापारी के बेटे के अपहरण कांड में दो और आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी मोनू सिंह और भूरा सिंह मुरैना के जीगनी इलाके के रहने वाले हैं. ये दोनों चाचा-भतीजा हैं. पुलिस ने बुधवार को इन दोनों बदमाशों का जुलूस निकाला. खास बात यह है कि भूरा सिंह इस परिवार का बेहद करीबी है. मोनू और भूरा गुर्जर ने अपने ऊपर चल रहे करोड़ों के कर्ज को चुकाने के लिए यह साजिश रची. उनको लगता था कि संकट के समय शिवाय के पिता राहुल गुप्ता उससे मदद मांगेंगे और वह बच्चे की सकुशल रिहाई में मीडिएटर की भूमिका निभाते हुए एक करोड़ की राशि वसूल लेंगे. इससे उनका कर्ज कुछ काम हो जाएगा.

अपहरण कांड में कुल 7 आरोपी

पुलिस ने इस मामले में कुल 7 आरोपी बनाए हैं. इनमें बंटी और राहुल को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है. जबकि धम्मू उर्फ धर्मेंद्र, राहुल कंसाना और भोला फिलहाल फरार हैं. उल्लेखनीय है कि 13 फरवरी की सुबह शिवाय का उस समय बाइक सवारों ने अपहरण कर लिया था, जब वह अपनी मां आरती के साथ स्कूल बस पकड़ने जा रहा था. मुरार के सीपी कॉलोनी में घटी यह सनसनीखेज वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी. आईजी अरविंद सक्सेना ने इस मामले की जांच पड़ताल के लिए एसआईटी का गठन किया था.

ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह (ETV BHARAT)

अपहरण के बाद बदमाशों ने मौके का जायजा लिया

ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया "अपहरण के बाद भूरा गुर्जर नामक आरोपी पीड़ित परिवार के घर पहुंचा था, लेकिन वहां पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी और मीडिया का जमावड़ा देखते हुए वह समझ गया कि बालक को रिहाई करने में ही सबकी भलाई है. अन्यथा उनके साथ कहीं ज्यादा सख्ती हो सकती है. इसी डर से उन्होंने शिवाय को काजी बसई इलाके में छोड़ दिया था."

फाइनेंस कंपनी का लोन चुकाने के लिए अपहरण

पता चला है कि भूरा और मोनू द्वारा ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में घाटा होने फाइनेंस कंपनी का लोन तथा मकान के लिए लिया गया. लोन के कारण ये लोग परेशान थे और इन्हें शिवाय गुप्ता सॉफ्ट टारगेट नजर आया. इसीलिए उन्होंने शिवाय को अगवा कर लिया. गनीमत यह रही कि बदमाशों ने बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और उसे 14 घंटे बाद रिहा करना पड़ा.

Last Updated : Feb 19, 2025, 7:22 PM IST

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