ग्वालियर: वैसे तो योजना के तहत देश भर में चरणबद्ध तरीके से रेलवे स्टेशन का विस्तार किया जा रहा है. उन्हें भव्य रूप दिया जा रहा है और इनमें ग्वालियर का नाम भी शुमार है. जहां स्टेशन का जीर्णोद्धार कर वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस किया जा रहा है, लेकिन अब मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित यह रेलवे स्टेशन एक और वजह से चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि रेल मंत्रालय से इस स्टेशन का नाम बदलने की तो चर्चा की जा रही है, लेकिन जो नाम बदल कर रखना है उसे लेकर सियासत तेज है.
ग्वालियर सांसद ने की रेल मंत्री से मुलाकात
असल में 130 साल पुराना ग्वालियर रेलवे स्टेशन से जल्द ही नए रूप में दिखाई देगा. इसके सा-साथ अब इसका नाम बदलने को लेकर भी प्रयास किए जा रहे हैं. हाल ही में ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाहा ने दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर इस स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की मांग की है.
वाजपेयी के नाम पर स्टेशन का नाम रखने की मांग
मंत्री को सौंपे पत्र में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि ग्वालियर ने देश को कई बार गौरवान्वित किया है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी इस ग्वालियर से पुराना नाता है. यह उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है. अपने राजनीतिक जीवन में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन बार प्रधानमंत्री बनकर देश की सेवा की है और उनके सम्मान में ग्वालियर का नाम बदल कर उनके नाम पर रखा जाए.
सिंधिया समर्थक कर रहे माधवराव सिंधिया के नाम की मांग
ग्वालियर के बीजेपी सांसद भारत कुशवाहा द्वारा उठायी गई मांग का जहां पूर्व सांसद विवेक शेजवलकर समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं बीजेपी का ही एक धड़ा सहमत नहीं है. पूर्व विधायक और सिंधिया समर्थक बीजेपी नेता रमेश अग्रवाल का कहना है कि 'साल 1895 में बना ग्वालियर रेलवे स्टेशन सिंधिया राज घराने की देन है, सिंधिया राज परिवार ने ही इस स्टेशन का निर्माण कराया था. जब माधवराव सिंधिया केंद्र में रेल राज्यमंत्री थे.