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आपके करियर-रोजगार में आ रही है रुकावट? गुरु पूर्णिमा पर कर लें ये काम...राह हो जाएगी आसान - guru Purnima 2024

GURU PURNIMA PUJA: सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है. गुरु का दर्जा भगवान से ऊपर माना जाता है. गुरु पूर्णिमा पर पूजन विधि विधान से करने पर ज्ञान प्रकाश होता है साथ ही जीवन की रुकावटें भी दूर होती है. साल 2024 में गुरु पूर्णिमा कब है और इसका महत्व क्या है इस आर्टिकल में जानते हैं.

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कॉन्सेप्ट इमेज (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 7, 2024, 3:11 PM IST

Updated : Jul 7, 2024, 4:04 PM IST

कुल्लू : सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा के त्योहार का बड़ा महत्व है. ये त्योहार संत, गुरु, शिक्षकों के लिए समर्पित है. ये पर्व हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है. इसे आषाढ़ पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा भी कहते हैं. इसे आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा और वेद व्यास जयंती के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन गुरु पूजन करने का खासा महत्व है. अगर आपके करियर में कुछ रुकावटें आ रही हैं तो गुरु पूर्णिमा पर निम्न उपाय कर लें, इससे आपके जीवन की बाधाएं दूर हो सकती हैं.

धार्मिक मान्यता के अनुसार इस शुभ अवसर पर भक्त स्नान,दान करने के बाद गुरुओं का आशीर्वाद लेतें हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 20 जुलाई को शाम 5:59 से होगी और इसका समापन अगले दिन 21 जुलाई को दोपहर 3:46 पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार गुरु पूर्णिमा का त्योहार 21 जुलाई को देशभर में मनाया जाएगा. व्यास पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा अंधविश्वास के आधार पर नहीं बल्कि श्रद्धाभाव से मनाना चाहिए.

गुरु पूर्णिमा पर पूजन विधि

आचार्य दीप कुमार का कहना है 'गुरु पूर्णिमा के दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु का ध्यान करें और उसके बाद स्नान ध्यान कर साफ वस्त्र धारण करें. उसके बाद भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और वेद व्यास जी की प्रतिमा स्थापित करें और भगवान सूर्य को जल अर्पित करें. भगवान विष्णु और वेदव्यास ऋषि की विधि विधान के साथ पूजा करें. उसके बाद दीपक जलाकर अपने-अपने गुरुओं का ध्यान कर आरती करें. गुरु चालीसा तथा गुरु कवच का भी पाठ करें. भगवान विष्णु को फल मिठाई और खीर का भोग लगाएं. अंत में भगवान विष्णु से जीवन में बुद्धि विद्या और शांति की प्रार्थना करें. इसके अलावा इस दिन गुरु की सेवा करना विशेष फलदाई होता है और श्रद्धा के अनुसार गरीबों को अन्न-धन, वस्त्र का दान भी करना चाहिए.'

वेद व्यास के जन्म दिवस पर मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा का त्योहार

जीवन में गुरु-शिक्षक का बहुत महत्व है. आने वाली अगली पीढ़ी को गुरुजनों और शिक्षकों का महत्व बताने के लिए यह पर्व आदर्श है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, ये त्योहार वेद व्यास जी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है. वेद व्यास जी ने ही महाभारत की रचना की थी. माना जाता है कि इस दिन वेद व्यास जी ने चारों वेदों की भी रचना की थी. गुरु पूर्णिमा पर गुरु का आशीर्वाद लेने से जीवन के अंधकार खत्म होते हैं और जीवन में उज्जाला होता है. गुरु ही ज्ञान का स्त्रोत है. गुरू पूर्णिमा पर गुरू पूजन करने से करियर में आ रही रुकावटे दूर होती हैं.

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Last Updated : Jul 7, 2024, 4:04 PM IST

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