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गुरु घासीदास तमोर पिंगला बना देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व, कोर बफर एरिया घोषित

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व छत्तीसगढ़ का चौथा टाइगर रिजर्व बन गया है.

Guru Ghasidas Tamor Pingla tiger reserve
गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 21, 2024, 12:56 PM IST

Updated : Nov 21, 2024, 1:11 PM IST

सरगुजा: छत्तीसगढ़ का एक और टाइगर रिजर्व पूर्ण रूप से अस्तित्व में आ चुका है. सरगुजा के गुरुघासीदास नेशनल पार्क और तमोर पिंगला अभयारण्य को अब टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया है. केन्द्रीय जलवायु परिवर्तन विभाग ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. जिसके बाद अब अधिकृत रूप से टाइगर रिजर्व का एरिया तय हो चुका है. कितना एरिया रिजर्व में आयेगा और कितने गांव कोर और बफर जोन में शामिल होंगे ये भी तय हो चुका है.

छत्तीसगढ़ का चौथा टाइगर रिजर्व: गुरुघासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर सौरभ सिंह ठाकुर ने बताया कि गुरुघासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व बनाने का निर्णय पूरे सरगुजा और छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि है. ये छत्तीसगढ़ का चौथा टाइगर रिजर्व है. अचानकमार टाइगर रिजर्व, इंद्रावती टाइगर रिजर्व और उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के बाद अब गुरुघासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व चौथा टाइगर रिजर्व बन गया है. देश का 56वां टाइगर रिजर्व है.

गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व (ETV Bharat Chhattisgarh)

क्षेत्रफल की दृष्टि से गुरुघासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व हैं. नागार्जुन श्रीशैलम टाइगर रिजर्व, मानस टाइगर रिजर्व के बाद गुरुघासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व का नाम आता है.छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्र में काफी अच्छा वाइल्ड लाइफ क्षेत्र रहा है: सौरभ सिंह ठाकुर, डायरेक्टर, टाइगर रिजर्व


2829.387 स्क्वायर किलोमीटर में फैला टाइगर रिजर्व: गुरुघासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व की सीमा संजय टाइगर रिजर्व मध्यप्रदेश, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मध्यप्रदेश और पलामू टाइगर रिजर्व झारखंड से लगी हुई है. इन तीनों के बीच ये एक वाइल्ड लाइफ कोरीडोर का काम करता है. हाथियों, टाइगर और दूसरे वन्य प्राणियों के लिए काफी सुरक्षित क्षेत्र देता है. इसका कोर और बफर एरिया मुख्य रूप से कोरिया, मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर, सूरजपुर और बलरामपुर का कुछ हिस्सा आ रहा है. जो 2829.387 स्क्वायर किलोमीटर तक रिजर्व का क्षेत्र फैला होगा.

2829.387 स्क्वायर किलोमीटर तक फैला टाइगर रिजर्व (ETV Bharat Chhattisgarh)

टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में 42 गांव:टाइगर रिजर्व 2049.232 स्क्वायर किलोमीटर का क्षेत्र कोर एरिया होगा और 780.155 स्क्वायर किलोमीटर का एरिया बफर जोन होगा. गुरुघासीदास नेशनल पार्क के करीब 35 गांव और तमोर पिंगला अभ्यारण्य के 7 गांव यानी कुल 42 गांव कोर एरिया में शामिल हैं. कोर एरिया में जनकपुर, कमार्जी, रामगढ़, रेहंड, और सोनहत वन परिक्षेत्र शामिल किये गये हैं. बफर एरिया में मनेन्द्रगढ़ से बहरासी और जनकपुर, कोरिया से देवगढ़, कोटाडोल, और सोनहत, सूरजपुर से बिहारपुर, घुई एवं कूदरगढ़ वहीं बलरामपुर जिले से रघुनाथ नगर और वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र को शामिल किया गया है.

छत्तीसगढ़ का चौथा टाइगर रिजर्व (ETV Bharat Chhattisgarh)

टाइगर रिजर्व का कोर एरिया:कोर और बफर एरिया किसी टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणियों को सुरक्षित करने के लिए घोषित किया जाता है.कोर एरिया किसी भी टाइगर रिजर्व का वो क्षेत्र होता है. जहां मानवीय गतिविधियां कम से कम होती है.

टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में 42 गांव (ETV Bharat Chhattisgarh)

टाइगर रिजर्व का बफर एरिया: कोर जोन के बाहर बफर जोन होता है. यहां मानवीय गतिविधियां सीमित होती है. बफर जोन कोर जोन को सुरक्षा देता है. बफर जोन में पर्यटन की अनुमति होती है.

सौरभ सिंह ठाकुर ने बताया कि टाइगर रिजर्व में 1254.586 वर्ग किलोमीटर का वन क्षेत्र आरक्षित व 1438.451 वर्ग किलोमीटर का वन क्षेत्र संरक्षित घोषित किया गया है. टाइगर रिजर्व के लिए 136.35 वर्ग किलोमीटर भूमि राजस्व की जमीन भी शामिल की गई है.

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Last Updated : Nov 21, 2024, 1:11 PM IST

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