देहरादून:10 मई से चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. 10 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे. इसके साथ ही 10 मई को ही बाबा केदारनाथ के कपाट भी खुलेंगे. 12 मई को बदरी विशाल के कपाट खुलेंगे. चारधाम यात्रा के दौरान हर साल लाखों श्रद्धालु धामों के दर्शन करने आते हैं. बड़ी संख्या में श्रद्धालु कमर्शियल वाहनों के जरिए धामों तक पहुंचते हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए शासन, कमर्शियल वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड जारी करता है. जिससे वाहन संबंधी सभी जानकारियां शासन के पास उपलब्ध हों. चार धाम यात्रा को देखते हुए 4 अप्रैल से ग्रीन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
ग्रीन कार्ड एक तरह का दस्तावेज है जो शासन की ओर से संबंधित कमर्शियल वाहनों को चारधाम यात्रा पर श्रद्धालुओं को ले जाने के लिए हरी झंडी देता है. ग्रीन कार्ड में वाहन की पूरी जानकारी होती है. ग्रीन कार्ड बनवाने के लिए वाहन की जांच परिवहन कार्यालय में की जाती है. इससे यह जाना जाता है कि वाहन पर्वतीय क्षेत्रों पर यात्रा करने योग्य है या नहीं. इसके बाद आवेदन करने पर ग्रीन कार्ड प्राप्त हो जाता है. ग्रीन कार्ड की वैलिडिटी चारधाम यात्रा की समाप्ति तक की होती है. इस बीच अगर वाहन से संबंधित किसी दस्तावेज की वैलिडिटी समाप्त हो जाती है तो ग्रीन कार्ड की भी वैलिडिटी समाप्त हो जाएगी. ऐसे में दोबारा से ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करना होगा.
ग्रीन कार्ड बनवाने के लिए कमर्शियल वाहन स्वामी को वाहन से जुड़े तमाम दस्तावेज दिखाने होते हैं. जिसमें वाहन पंजीयन प्रमाणपत्र, उत्तराखंड राज्य का टैक्स जमा प्रमाणपत्र, फिटनेस सर्टिफिकेट, उत्तराखंड का परमिट, वाहन का बीमा सर्टिफिकेट, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र शामिल हैं. ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करने पर वाहन स्वामियों को शुल्क भी जमा करना होता है. तय किए गए शुल्क के अनुसार छोटे वाहन के लिए 400 रुपए, माध्यम और बड़े वाहन के लिए 600 रुपए तय किया गया है.