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महाराणा प्रताप अवार्ड को भूली सरकारें, खिलाड़ियों को सम्मान का इंतजार - Maharana Pratap Award - MAHARANA PRATAP AWARD

Rajasthan Governments forgot Maharana Pratap Award, पिछले 6 वर्ष में राज्य की सरकारों ने महाराणा प्रताप की स्मृति में खिलाड़ियों को दिए जाने वाले पुरस्कार को भुला दिया है. मौजूदा भाजपा सरकार की सौ दिन की कार्य योजना में भी खेल पुरस्कारों का कोई जिक्र नहीं हुआ. हालांकि, खेल परिषद के सचिव सोहन लाल चौधरी ने इसको लेकर अब बड़ा बयान दिया है.

Maharana Pratap Award
महाराणा प्रताप अवार्ड को भूली सरकारें (ETV BHARAT JAIPUR)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 10, 2024, 8:33 PM IST

खेल परिषद के सचिव सोहन लाल चौधरी (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर.राजस्थान में खिलाड़ियों को दिए जाने वाले महाराणा प्रताप अवार्ड को भुला दिया गया है. ये हालात तो तब है जब पिछली सरकार में खेल परिषद की कमान एक खिलाड़ी के हाथों में थी और इस बार भी खेल परिषद की कमान ओलंपिक पदक विजेता के पास है. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में खेल परिषद की कमान कृष्णा पूनिया के पास थी और कृष्णा पूनिया खुद एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी रह चुकी हैं. इसके बावजूद खिलाड़ियों को अवार्ड का इंतजार रहा, जबकि मौजूदा भाजपा सरकार में भी खेल परिषद की कमान एक ओलंपियन विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के पास है, लेकिन अभी तक अवार्ड्स को लेकर कोई तारीख तय नहीं हो पाई है.

करीब छह वर्ष में सरकारों ने महाराणा प्रताप की स्मृति में खिलाड़ियों को दिए जाने वाले इन पुरस्कारों को भुला दिया है. इसके साथ ही प्रशिक्षकों को दिए जाने वाले गुरू वशिष्ठ अवार्ड का इंतजार छह साल का हो चुका है. श्रेष्ठ खिलाड़ियों को दिए जाने वाले महाराणा प्रताप पुरस्कार पिछली गहलोत सरकार में नहीं दिए जा सके थे तो मौजूदा सरकार की भी सौ दिन की कार्य योजना तो बनाई गई, लेकिन इसमें कहीं भी इन खेल पुरस्कारों का कोई जिक्र नहीं हुआ.

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कई बार मांगे आवेदन :खेल परिषद ने समय-समय पर आवेदन तो लिए, लेकिन अवार्डस नहीं दिए. साल 2018-19 की बात की जाए तो 27 प्रशिक्षकों यानी कोचों ने गुरु वशिष्ठ अवार्ड के लिए आवेदन किया था. वहीं, 66 खिलाड़ियों ने प्रताप अवार्ड की दावेदारी पेश की थी. साल 2019-20 की बात की जाए तो गुरु वशिष्ठ अवार्ड के लिए 39 और प्रताप अवार्ड के लिए 113 कुल आवेदन किए गए थे, जबकि 2020-21 में गुरु वशिष्ठ अवार्ड के लिए करीब पचास आवेदन हुए.

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महाराणा प्रताप पुरस्कार की शुरुआत साल 1982-83 में की गई थी और इससे अब तक कुल 170 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया है. खेल परिषद ने इन पुरस्कारों के लिए एक वित्तीय वर्ष में 5 गुरु वशिष्ठ पुरस्कार और 5 महाराणा प्रताप पुरस्कार दिए जाने की प्लानिंग की गई थी. राज्य में महाराणा प्रताप पुरस्कार और गुरु वशिष्ठ पुरस्कार विजेताओं को सरकार द्वारा 5-5 लाख रुपए पुरस्कार राशि से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी. खेल परिषद के सचिव सोहन लाल चौधरी का कहना है कि जल्द ही इस कार्य पर ध्यान देकर खिलाड़ियों को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा. परिषद इसकी कवायद में जुटा है.

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