जींद: बढ़े हुए प्रदूषण को देखते हुए जिले में ग्रैप 4 नियमों को लागू किया गया है लेकिन इन नियमों की पालना करवाने के लिए अधिकारी ज्यादा सतर्क नहीं दिखाई दे रहे हैं. अधिकारियों की इसी कमी के चलते जगह-जगह धूल भरे कार्य धड़ल्ले से करवाए जा रहे हैं. इसके अलावा निर्माण कार्यों पर भी किसी तरह की रोक का कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है.
जींद जिले में प्रदूषण का स्तर (एक्यूआई) 325 के आसपास रह रहा है. ऐसे में जिले में पिछले एक सप्ताह से स्मॉग और प्रदूषण ने दम घोंट रखा है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों और अस्थमा रोगियों को सांस संबंधी दिक्कतें आ रही हैं तो स्वस्थ लोगों को आंखों में जलन, एलर्जी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने के लिए फसल अवशेषों के साथ-साथ टायर फैक्ट्रियां और 10 से 15 साल पुराने ऑटो भी जिम्मेदार हैं लेकिन प्रशासन द्वारा इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. शहर में सैंकड़ों पुराने आटो दौड़ रहे हैं, जो जहरीला धुआं छोड़ रहे हैं.
ग्रैप 4 के नियमों की अवहेलना कर शहर में चल रहे निर्माण कार्य
ग्रैप 4 के नियमों की अवहेलना कर इस समय गोहाना रोड पर ब्लॉक बिछाने का कार्य किया जा रहा है. इसके साथ ही दालमवाला होटल के निकट सड़क के बीचों बीच डिवाइडर पर लगाए गए लाल पत्थर को रगड़ने का कार्य किया जा रहा है, जिससे जमकर धूल उड़ रही है. वहीं शहर में जगह-जगह निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं. पिछले दिनों जब ग्रैप 4 लगा था तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने सख्ती दिखाई थी. बस अड्डे पर चल रहे निर्माण कार्य पर तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने कार्रवाई करते हुए 1 लाख 5000 रुपये का जुर्माना तक लगा दिया था. कुल दस लाख से अधिक के जुर्माने फर्मों पर लगाए गए थे.