प्रयागराज: गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते समय एक्ट के प्रावधानों तथा हाईकोर्ट द्वारा जारी गाइडलाइन का सतर्कता से पालन करने में लापरवाही पर सरकार ने डीएम अमरोहा को पद से हटा दिया है. उनको सचिवालय से संबद्ध कर दिया गया है. प्रदेश सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता ने इस आशय की जानकारी मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिरला और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ के समक्ष दी.
प्रदेश सरकार की ओर से दिए गए हलफनामे के बाद कोर्ट ने लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कोई अन्य कार्रवाई न करते हुए राज्य सरकार के ऊपर इसे छोड़ दिया है कि वह नियमानुसार कार्रवाई कर सकते हैं. साथ ही कोर्ट ने याचीगण आसिफ, नस और चाहत के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई कार्रवाई को नियम विरुद्ध करार देते हुए रद्द कर दिया. तीनों याचियों के खिलाफ पुलिस ने अमरोहा के डिडौली थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. इसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
याचियों का कहना था कि गैंगस्टर एक्ट के तहत गैंग चार्ट तैयार करने और उसे अप्रूव करने में अधिकारियों ने अपनी संतुष्टि दर्ज नहीं की है. यह कि गैंगस्टर एक्ट के प्रावधानों के तहत अनिवार्य है. इसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सनी मिश्रा केस में विस्तृत गाइडलाइन जारी की है. इस गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया गया. इस पर कोर्ट ने कहा था कि रिकॉर्ड देखने से स्पष्ट है कि एसएसपी अमरोहा ने गैंग चार्ट अग्रसारित करते समय उस पर अपनी संतुष्टि दर्ज नहीं की, जोकि नियम 16(3) के तहत करना अनिवार्य है.