पटना: राजधानी पटना जिले के मसौढ़ी स्थित गांधी मैदान में शनिवार को गोवर्धन पूजा महोत्सव का आयोजन किया गया. जिले के तमाम प्रखंडों से आए हजारों की संख्या में गोपालकों का जुटान हुआ. इस दौरान श्रद्धालुओं ने गोवर्धन पर्वत और राधा कृष्ण की प्रतिमा बनाकर विधिवत वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ पूजा अर्चना की. मौके पर गो संरक्षण अभियान चलाने का भी संकल्प लिया गया.
अन्नकूट महोत्सव मनायाः इसके अलावा कई जगहों पर गोवर्धन पूजा के साथ-साथ अन्नकूट महोत्सव भी मनाया गया. खेतों में नई फसल आने के बाद 56 भोग लगाकर भगवान श्री कृष्णा को भोग लगाया गया. पुराणों के मुताबिक द्वापर युग में सबसे पहले भगवान श्री कृष्ण के कहने पर ही गोवर्धन पर्वत की पूजा की गई थी. इस परंपरा के पीछे प्राकृतिक पूजा का संदेश छिपा था. बताया कि द्वापर में भगवान श्री कृष्ण, माता यशोदा और नंद बाबा के साथ ब्रज में रहते थे.
क्या है मान्यताः माना जाता है कि उस समय अच्छी बारिश के लिए सभी लोग भगवान इंद्र की पूजा करते थे. श्री कृष्ण ने गांव के लोगों से कहा कि वह इंद्र की पूजा न करें, बल्कि गोवर्धन पर्वत की पूजा करें. सभी ने कान्हा की बात मान ली, लेकिन ऐसा करने से इंद्रदेव गुस्सा हो गए. उन्होंने तेज बारिश शुरू कर दी. जिसके बाद कन्हैया ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया. सभी लोग इस गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण लिए. जब इंद्र को अपनी गलती समझ आयी तब उनका क्रोध शांत हुआ.