गोरखपुर : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) ने प्रतिष्ठित "नेचर इंडेक्स रैंकिंग" लखनऊ विश्व विद्यालय को पीछे छोड़ते हुए विशिष्ट स्थान प्राप्त करने में सफलता हासिल की है. गोरखपुर विश्वविद्यालय ने उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में सबसे उच्च स्थान प्राप्त किया है. यह मान्यता उच्च गुणवत्ता वाले शोध और शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. नैक द्वारा A++ ग्रेड मान्यता प्राप्त करने के साथ साथ विश्वविद्यालय ने, QS एशिया विश्वविद्यालय रैंकिंग और कई अन्य वैश्विक रैंकिंग में भी उल्लेखनीय स्थान हासिल किया है. इसके अतिरिक्त गोरखपुर विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से श्रेणी 1 का दर्जा प्राप्त हुआ है.
कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा है कि कुलाधिपति और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निरंतर मार्गदर्शन में गोरखपुर विश्वविद्यालय को हाल ही में PM USHA योजना के तहत MERU (बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय) के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है. इस फंडिंग से विश्वविद्यालय के शोध और शैक्षणिक बुनियादी ढांचे को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. वहीं नेचर इंडेक्स रैंकिंग ने गोरखपुर विश्वविद्यालय को शीर्ष संस्थानों में प्रमुखता से रखा है. यह उपलब्धि भी बड़ी है. विश्वविद्यालय भारत के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 103वें और विश्वविद्यालयों में 47वें स्थान पर है. विशेष रूप से भौतिक विज्ञान में गोरखपुर विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा संस्थानों में 57वें और विश्वविद्यालयों में 28वें स्थान पर है. रसायन विज्ञान के क्षेत्र में गोरखपुर विश्वविद्यालय भारत के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 118वें और विश्वविद्यालयों में 92वें स्थान पर है. प्राकृतिक विज्ञान पत्रिकाओं में अपने प्रकाशनों के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में 95वें और विश्वविद्यालयों में 45वें स्थान पर है.