गोरखपुर : बीआरडी मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग में टेक्नीशियन और फिजियोथेरेपिस्ट की तैनाती के बाद ऑर्थो सर्जरी (गैट लैब) की सुविधा शुरू हो गई है. अब बीआरडी मेडिकल काॅलेज में लड़खड़ाहट और हड्डियों के टेढ़ेपन की जांच हो सकेगी. अभी तक ऐसे मरीजों को एक्स रे के बाद लखनऊ या अन्य अस्पतालों के लिए रेफर किया जाता था. बहरहाल करीब दो करोड़ रुपये खर्च करने के बाद गैट लैब में मशीन और पांच कैमरे लगाए गए हैं. जिसमें टेढ़े-मेढ़े पैर के शिकार मरीजों के चलने की गति और प्रवृत्ति का आंकलन हो सकेगा.
हड्डी रोग विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ. पवन प्रधान बताते हैं कि न्यूरो की समस्या या फिर किसी अन्य बीमारी की चपेट में या फिर अनुवांशिकी लक्षण की वजह से जो कोई भी, चलने-फिरने में असमर्थ होता है. उसके पैर टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं वह लड़खड़ा कर चलता है. ऐसी समस्या का इलाज यहां कराया सकता है. उसके लिए ऑर्थो डिपार्टमेंट के चिकित्सकों की टीम है. बाल रोग संस्थान में भी आने वाले बच्चों की निगरानी के साथ, उनके रिहैबिलिटेशन के बाबत इलाज की सुविधा है.
डॉ. पवन प्रधान के मुताबिक पहले लोग लखनऊ और दिल्ली इलाज के लिए दौड़ते थे, लेकिन अब उन्हें गोरखपुर में ही इलाज मिल जाएगा. पूर्वांचल, पश्चिम विहार और नेपाल के मरीज भी इसका लाभ उठा सकेंगे. इंसेफेलाइटिस की बीमारी की वजह से तमाम बच्चे इस तरह की समस्या के शिकार हो गए थे. जिनके इलाज के लिए वर्ष 2017-18 में मेडिकल कॉलेज में गेट लैब की स्थापना की गई थी, लेकिन कुछ कारणवश और तकनीशियन और फिजियोथैरेपिस्ट के अभाव में शुरू नहीं हो पा रही थी.