गिरिडीह:समद और शहादत, दो सगे भाई. दोनों की एक ही मंशा सिर्फ अपराध. इन दोनों भाइयों ने एक के बाद एक कई घटनाओं को अंजाम दिया. गिरिडीह, जामताड़ा, देवघर, धनबाद के अलावा पश्चिम बंगाल और बिहार के कई इलाकों में इनका आतंक रहा. इनका गिरोह महानगरों में भी चलता रहा, इनके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हुए और इनका नाम प्रदेश के इनामी अपराधियों में मशहूर हो गया.
हालांकि, शहादत और समद को करीब पांच साल पहले गिरफ्तार किया जा सका था. पुलिस ने जहां रेकी कर शहादत को पकड़ा, वहीं समद की गिरफ्तारी में जनता ने योगदान दिया. गिरफ्तारी के बाद से समद जेल में है. हालांकि शहादत जेल से बाहर आ चुका था, लेकिन इस बार एसपी दीपक शर्मा की टीम ने उसे अपराध करने से पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस बार जेल जाने से पहले शहादत ने पुलिस को कई अहम जानकारियां दी हैं.
आर्थिक तंगी हुई तो तैयार करने लगा गैंग:पुलिस की पूछताछ में शहादत ने जो बताया, उसके मुताबिक पिछली बार जब वह जेल गया था तो उसके घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गयी थी. अपराध से कमाया गया पैसा अदालती खर्चों के ऊपर चला गया. ऐसे में उसने इमरान के साथ मिलकर जेल में ही दोबारा गैंग बनाने का प्लान तैयार किया. जेल से बाहर आने के बाद उसने इमरान के साथ मिलकर अपने पुराने दोस्तों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं नए लड़कों को भी लालच देकर वह अपने गैंग का मेंबर बनाने की जुगत में भिड़ गया था. वह बड़ी घटना को अंजाम दे देता लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया.
रेकी कर पकड़ा गया शहादत:यहां बता दें कि गिरिडीह एसपी दीपक शर्मा की टीम लगातार शहादत पर नजर बनाये हुए थी. जेल के अंदर की गतिविधि से लेकर बाहर आने के बाद के हर मूवमेंट पर नजर रखा गया. शहादत किस-किस से मिल रहा था, इसकी रिपोर्ट एसपी ले रहे थे. जब पुख्ता जानकारी मिल गई तो सोमवार की रात सदर एसडीपीओ बिनोद रवानी को कार्रवाई का निर्देश दिया गया और ताराटांड़ थाना प्रभारी ने शहादत को गिरफ्तार कर लिया. अब शहादत के साथी इमरान के अलावा अन्य साथियों की तलाश तेज कर दी गई है. पुलिस शहादत के उन पुराने साथियों की भी तलाश कर रही है जो जेल से बाहर हैं. वहीं हथियार सप्लायर को भी ढूंढा जा रहा है.