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मनरेगा में गड़बड़ी की टेबुल पर ही कर दी गई जांच, डीआरडीए के तत्कालीन निदेशक की जांच रिपोर्ट पर उठे सवाल

Irregularities in MNREGA. जिस अधिकारी को जांच का जिम्मा मिले यदि वही पक्षपातपूर्ण कार्य करने लगे तो फिर रिपोर्ट पर सवाल उठाना लाजमी है. गिरिडीह में ऐसा ही मामला सामने आया है. जांच अधिकारी के इस रवैये को डीसी ने पकड़ लिया है.

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Irregularities In MNREGA

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 17, 2024, 9:36 PM IST

गिरिडीहः मनरेगा में हुई गड़बड़ी को देखते हुए गिरिडीह डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने जांच के निर्देश दिए थे. जांच का जिम्मा जिले के वरीय पदाधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के तत्कालीन निदेशक आलोक कुमार को दिया गया था. आलोक कुमार ने कई मामले में जांच प्रतिवेदन भी सौंप दिया, लेकिन पूरी रिपोर्ट ही सवाले के घेरे में आ गई है.

टेबुल पर ही कर दी गई जांच

डीसी ने जब जांच प्रतिवेदन का अवलोकन किया तो पाया कि पूरी रिपोर्ट ही द्वेष से प्रेरित होकर या तो पक्ष में या विपक्ष में ही बनाई गई है. अब इसे लेकर गिरिडीह डीसी ने कार्यालय आदेशा निकाला है. जिसमें तत्कालीन निदेशक का जिक्र है. ईटीवी भारत को मिले डीसी के कार्यालय आदेश में यह भी जिक्र है कि किस तरह योजना में गड़बड़ी की शिकायत की जांच योजनास्थल पर नहीं जाकर टेबुल पर ही कर दी गई.

प्रखंड विकास पदाधिकारी से मांगा जवाब

अब जांच में त्रुटि मिलने के बाद डीसी काफी गंभीर हैं. मनरेगा में हुई गड़बड़ियों में अंतिम कार्रवाई का निर्देश भी जारी कर दिया है. डीसी ने साफ कहा है कि मनरेगा कार्यों के पर्यवेक्षण और प्राप्त परिवादों की जांच कर समुचित कार्रवाई करने का मुख्य दायित्व प्रखंड विकास पदाधिकारियों का है. ऐसे में अभी तक प्राप्त जांच रिपोर्ट के आधार पर डीसी ने संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारियों से जवाब भी तलब किया है. बीडीओ से स्पष्टीकरण का जवाब, जांच में उल्लेखित योजनाओं की भौतिक, वित्तीय और अभिलेख की स्थिति, दोषियों को चिन्हित करते हुए दंडात्मक कार्रवाई, राशि वसूली और अर्थदंड (ब्याज सहित), आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है.

एसडीओ करेंगे सत्यापन

डीसी ने जहां बीडीओ से विभिन्न बिंदुओं पर जवाब मांगा है. वहीं बीडीओ आदेश का अनुपालन के लिए पर्यवेक्षण, दंडात्मक और सुधारात्मक कार्रवाई सही प्रकार से कर रहे हैं या नहीं इसका सत्यापन संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी को करने को कहा है. इसके बाद अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत होगी. डीसी ने साफ कहा है कि आदेश के अनुपालन में किसी भी तरह की लापरवाही होने पर संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी स्वयं जिम्मेवार होंगे. साथ ही साथ अनियमितताओं की गंभीरता और पुनरावृत्ति की स्थिति में संबंधित थाने में प्राथमिकी या सनहा दर्ज करने की कार्रवाई करने का आदेश डीसी ने दिया है.

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