वाराणसी: लीजेंडरी गजल गायक पंकज उधास का आज 72 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया है. जिससे गजल और भजन के प्रेमी गहरे सदमे में है. पंकज उधास का जाना इंडस्ट्री के लिए भी एक बड़ा झटका है. पंकज उधास को शिव की नगरी काशी से बेहद लगाव था. 2017 से लेकर 2023 तक हर वर्ष पंकज उधास ने वाराणसी में दर्शन पूजन किया और यहां कार्यक्रमों में शिरकत भी की. आखिरी बार पंकज उधास 29 अप्रैल 2023 को आए थे. उन्होंने कार्यक्रम में शिरकत करने के साथ ही बाबा विश्वनाथ में दर्शन पूजन भी किया था और गंगा आरती में भी शामिल हुए थे.
गजल पंकज उधास बनारस में धार्मिक यात्राओं पर आते थे. लेकिन, एक समय ऐसा भी था, जब पंकज उधास को वाराणसी में कार्यक्रम के बाद काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. लगभग 12 साल पहले पंकज उधास ने वाराणसी में एक शो के दौरान अपने फैंस को खुश करने के लिए रात 10 बजे के बाद भी जब गाना जारी रखा तो बनारस के एक सोशल एक्टिविस्ट ने ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ जाकर गाना गाने के आरोप में पंकज उधास के खिलाफ शिकायत की थी. इसके बाद पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की अनदेखी के मामले में कोर्ट में परिवाद दाखिल हुआ था, जो अब तक विचाराधीन है.
इस बारे में पंकज उधास की शिकायत करने वाले सत्या फाउंडेशन के सचिव चेतन उपाध्याय के वकील आरके सिंह ने बताया कि 6 जून 2012 को पंकज उधास का कार्यक्रम वाराणसी के बनारस क्लब में आयोजित किया गया था. वकील आरके सिंह ने बताया कि रात 10 बजे के बाद भी खुले आकाश के नीचे लाउडस्पीकर चल रहा था और पंकज उधास नियमों की अवहेलना करते हुए महफिल जमा हुए थे.
इस मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 8 नवम्बर 2012 को परिवाद दाखिल किया गया था. इसमें कानून के उल्लंघन के मामले में कोर्ट ने मामला दर्ज करते हुए इस पर सुनवाई जारी रखी थी. अधिवक्ता आरके सिंह ने बताया कि उस वक्त उन्होंने कोर्ट में बहस भी की थी और 15 फरवरी 2013 को उनका बयान भी दर्ज हुआ था. पंकज उधास को कई बार कोर्ट की तरफ से समन भी भेजा गया. लेकिन, उनका कोई जवाब नहीं आया. इसलिए मुकदमा अब तक निस्तारित नहीं हो सका और न्यायालय में विचाराधीन है.