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खास है गया का अनोखा मंदिर, दर्शन करने से बढ़ता है वंश, भगवान बुद्ध ने भी की थी यहां साधना - Gaya Shivling Temple

Shivling Temple in Gaya: गया में शिवलिंग का अनोखा मंदिर है. शिव भक्तों की साधना का अनोखा मंदिर को लेकर कई मान्यता है. सावन में बोधगया का यह स्थान शिवभक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र होता है. यहां स्थापित दर्जनों शिवलिंग के दर्शन करने काफी संख्या में लोग आते हैं. भगवान भोलेनाथ यहां वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. आगे पढ़ें पूरी खबर

गया में शिवलिंग
गया में शिवलिंग (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 28, 2024, 11:07 PM IST

Updated : Jul 29, 2024, 3:59 PM IST

गया: सावन के सोमवार पर देशभर में शिव भक्त भगवान भोलेनाथ को मनाने के लिए पूजा अर्चना अभिषेक करते हैं. वहीं बिहार के गया में शिव भक्तों की साधना स्थल है. जहां सावन के दिनों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. यह मंदिर बोधगया के रतनारा गंगा बिगहा गांव में विराजमान हैं. इस मंदिर में एक दो नहीं बल्कि एक साथ दर्जनों शिवलिंग है. वैसे कहा जाता है कि यहां सच्चे मन से आने वाले भक्तों की हर मनोकामना भगवान भोलेनाथ पूरी करते हैं.

गया में अनोखा शिवलिंग मंदिर (ETV Bharat)

शिव साधना का अनोखा स्थल:बोधगया शिव मंदिर और सरस्वती मंदिर के पुजारी लखन प्रसाद ने बताया कि यहां शिवलिंग के साथ माता नंदी की भी प्रतिमा है. ये शिवलिंग काफी प्राचीन काल के बताए जाते हैं. माना जाता है कि पुराने काल में यहां शिव भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र हुआ करता था. इस स्थान पर शिव भक्त काफी संख्या में शिव साधना में जुटे रहते थे. यहां शिवलिंग के दर्शन से अनोखी आस्था जुड़ी है.

भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं भोलेनाथ :मुख्य रूप से इस मंदिर में वंश वृद्धि की मन्नत लेकर लोग आते हैं. वैसे कहा जाता है, कि यहां सच्चे मन से आने वाले भक्तों की हर मनोकामना भगवान भोलेनाथ पूरी करते हैं. हालांकि जिन लोगों की वंश वृद्धि नहीं होती, उनकी मनोकामना भगवान भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में पूजन के बाद आशीर्वाद के तौर पर कर देते हैं.

शिवलिंग के पास विराजमान है नंदी बाबा (ETV Bharat)

"पहले हजार से भी ज्यादा शिवलिंग हुआ करते थे. 1964 में बाढ़ आई तो काफी संख्या में शिवलिंग जमीन के अंदर दब गए. कुछ शिवलिंग जमीन से ऊपर थे तो उसे असामाजिक तत्व चोरी कर ले गए. यह शिव साधना की बड़ी स्थली रही है. यहां भक्तों की मन्नतें पूरी होती है."-लखन प्रसाद, पुजारी, बोधगया शिव मंदिर और सरस्वती मंदिर

बाढ़ में विलिन हो गये शिवलिंग:बताया जाता है कि पहले यहां हजार से भी ज्यादा शिवलिंग हुआ करते थे. 1964 में बाढ़ आने के बाद अधिकांश शिवलिंग जमीन के अंदर दब गए. अब भी यहां एक साथ दर्जनों शिवलिंग मौजूद हैं. बोधगया का यह स्थान शिवभक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र होता है. यहां स्थापित दर्जनों शिवलिंग के दर्शन करने काफी संख्या में लोग आते हैं.

गया में नंदी बाबा का मंदिर (ETV Bharat)
भगवान बुद्ध ने भी की थी साधना: पुजारी ने बताया कि यहां माता सरस्वती का मंदिर है. माता सरस्वती का मंदिर दुर्लभ होता है. लेकिन बोधगया में माता अष्टभुजी रूप में विराजमान है. शिवलिंग के दर्शन करने के बाद माता सरस्वती के अष्टभुजा रूप के दर्शन भक्त जरूर करते हैं. माता के भी कई चमत्कार हैं.

फूल गिरना मन्नत पूरी होने की है निशानी: पुजारी ने बताया कि माता सरस्वती पर सच्ची भक्ति के साथ फूल चढ़ाते ही फूल का गिरना शुभ माना जाता है. भक्त की मांगी मन्नत पूरी होगी. उस फूल को उठाकर खुशी खुशी वापस चले जाते हैं. बताया जाता है कि इसी शिवलिंग के ठीक बगल में भगवान बुद्ध ने विश्राम और साधना किये थे.

गया का शिवलिंग मंदिर (ETV bharat)

19 अगस्त को सावन का होगा समापन: 22 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो गया है. 19 अगस्त को इस महीने को समाप्त हो रहा है. यानी सोमवार के दिन से ही महीना शुरू भी हो रहा है और सोमवार को ही समाप्त भी हो रहा है. इस वर्ष सावन महीने में 22 जुलाई, 29 जुलाई, 5 अगस्त, 12 अगस्त और 19 अगस्त को सोमवार पड़ेंगे. इसके अलावा 2 अगस्त, दिन शुक्रवार को विशेष फलदायिनी मासशिवरात्रि पड़ रही है.

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Last Updated : Jul 29, 2024, 3:59 PM IST

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