लखनऊ: अभी कुछ महीने पहले प्याज के दाम आसमान छू रहे थे. उसके बाद टमाटर के भाव कुछ ऐसे बढ़े कि लोगों की पहुंच से ही टमाटर दूर होता जा रहा था. अब लहसुन की बारी है. जिसके दाम सुनकर हर कोई हैरान है. आम जनता बस महंगाई की मार से त्रस्त है.
देश में लहसुन की कीमतों ने एक बार फिर लोगों की थाली का जायका बिगाड़ दिया है. लहसुन के दाम इस कदर बढ़ रहे हैं कि अब यह आम आदमी की थाली से दूर होता जा रहा है. लहसुन का आयुर्वेदिक महत्व है. लहसुन का सेवन ठंड में बहुत लाभकारी बताया जाता है.
अगर खाने में स्वाद लाना है तो लहसुन का इस्तेमाल जरूरी होता है. कई लोग तो बिना लहसुन के खाने को ही पसंद नहीं करते हैं. कई तरह के मसाले में भी लहसुन का बहुत बड़ा रोल होता है, लेकिन पिछले कुछ समय से लहसुन के दाम जिस कदर से बढ़े हुए हैं, अब वो आम आदमी की पहुंच से दूर होता जा रहा है.
वर्तमान में लहसुन खुले बाजार में लगभग ₹500 प्रति किलो की दर से बिक रहा है. कुछ जगहों पर तो 550 रुपये भी पार हो चुका है. ऐसे में अब आम जनता परेशान है. कारोबारियों के अनुसार, नासिक और पुणे के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में प्रतिकूल मौसम के कारण उत्पादन घटा है, जिससे सप्लाई घटी है.
ऊटी और मालापुरम से भी सप्लाई में काफी गिरावट आई है. कम सप्लाई के कारण पिछले कुछ हफ्तों में लहसुन की कीमत लगभग दोगुनी हो गई है. व्यापारियों का अनुमान है कि स्थिति में जल्द सुधार नहीं होगा.
चौक के एक सब्जी विक्रेता ने बताया कि पिछले वर्ष लहसुन की कीमत बाजार में बेहद कम मिली थी, इस वजह से किसानों ने इस साल लहसुन का उत्पादन बीते वर्ष की तुलना में कम किया. यही कारण है कि बाजार में लहसुन की कमी हो गई. इस कारण लहसुन की कीमतों में काफी उछाल देखने को मिल रहा है.
विक्रेता राहुल नागर कहते हैं कि लहसुन के दाम वर्तमान में लखनऊ जिले में 500 से ₹550 किलो तक हैं. वहीं थोक भाव की बात करें तो 350 से ₹400 प्रति किलो तक बिक रहा है. पाव की बात करें तो ₹120 से 150 रुपए तक लहसुन बिक रहा है. लहसुन के दाम बहुत तेजी से बढ़े हैं.
अब तो आलम ये है कि जो लोग 1 किलो आधा किलो लहसुन लेकर जाया करते थे, वह 50 ग्राम 100 ग्राम ही लहसुन खरीद रहे हैं. दुकानों पर भी लहसुन की बहुत कम मात्रा रख पा रहे हैं, क्योंकि इतना महंगा लहसुन खरीद कर वह पूंजी नहीं फंसा सकते हैं.
क्यो बढ़ रही कीमतें:लहसुन की कीमतें बढ़ने की दो वजह हैं. पहला- खराब मौसम से लहसुन की फसल को नुकसान पहुंचा है. दूसरा वजह है कि कम उत्पादन से मंडियों में लहसुन की सप्लाई में कमी आई है, जिससे इसके भाव बढ़ गए हैं.
बता दें कि नासिक और पुणे में लहसुन का उत्पादन ज्यादा होता है. नई फसल को बाजार में आने में अभी समय लगेगा. ऐसे में तब तक कीमतें ऊंची रहने की उम्मीद है. मण्डी आढ़ती व व्यपारी अशगर आलम बताते हैं कि लहसुन की कमी के कारण पिछले कुछ हफ्तों में इसकी कीमत में बढ़ोतरी हो गई है.
व्यापारियों का मानना है कि यह स्थिति जल्द सुधरने की संभावना नहीं है. लहसुन की कीमतों में अभी भी कोई कमी नहीं है. लहसुन के भाव बढ़ने से ग्राहकों का बजट बिगड़ गया है.
लहसुन के साथ अब और सब्जियों के बढ़ रहे दाम:लहसुन के साथ ही अब और सब्जियों के दाम भी बढ़ने शुरू हो गए हैं. टमाटर के दाम गिर गए थे, लेकिन अब वो भी ₹40 किलो तक पहुंच चुका है. लगातार इसके दाम भी बढ़ रहे हैं. दूसरी सब्जियों पर नजर डालें तो उनके दाम भी बढ़ रहे हैं.
सब्जी व्यापारी राम शहनवाज हुसैन बताते हैं कि ठंड के जाते जाते भी सब्जियों के दामों में राहत नहीं मिली. टमाटर के दामों में फिर से बढ़ोतरी होने लगी है. तापमान में तेजी आने के साथ ही सब्जियों के दामो में गिरावट देखने को मिलेगी
थोक भाव मण्डी: आलू नया, 10 रुपये आलू पुराना , 10रु किलो, प्याज 25 रुपये किलो,परवल- 20 रुपये किलो, शिमला- 30 रुपये किलो, तोरई- 30 रुपये किलो, करेला- 40 रुपये किलो, गाजर- 20 रुपये किलो, सेम- 30 रुपये किलो, लहसुन- 350 से 400 रुपये किलो, फूल गोभी- 15 रुपये/प्रति पीस, भिंडी- 70 रुपये किलो, पालक- 20 रुपये किलो, लौकी- 50 रुपये किलो, कद्दू- 20 रुपये किलो, टमाटर- 30 रुपये किलो, मटर- 30 रुपये किलो, हरी मिर्च- 40 रुपये किलो, अदरक- 100 रुपये किलो, नीबू- 40 रुपये किलो, धनिया- 40 रुपये किलो, खीरा- 20 रुपये किलो , बन्द गोभी - 15
खुदरा फुटकर भाव मण्डी:आलू नया, 20 रुपये आलू पुराना , 15 रु किलो, प्याज 40 रुपये किलो,परवल- 60 रुपये किलो, शिमला- 50 रुपये किलो, तोरई- 50 रुपये किलो, करेला- 60 रुपये किलो, गाजर- 30 रुपये किलो, सेम- 40 रुपये किलो, लहसुन- 500 से 550 रुपये किलो, फूल गोभी- 20 रुपये/प्रति पीस, भिंडी- 120 रुपये किलो, पालक- 40 रुपये किलो, लौकी- 90 रुपये किलो, कद्दू- 25 रुपये किलो, टमाटर- 40 रुपये किलो, मटर- 60 रुपये किलो, हरी मिर्च- 80 रुपये किलो, अदरक- 180 रुपये किलो, नीबू- 80 रुपये किलो, धनिया- 70 रुपये किलो, खीरा- 40 रुपये किलो , बन्द गोभी - 20Conclusion:देश में लहसुन की कीमतों ने एक बार फिर लोगों की थाली का जायका बिगाड़ दिया है. लहसुन की लगातार बढ़ रहीं कीमतों ने लोगों के खाने का जायका बिगाड़ रखा है फुटकर बाजारों में जो लहसुन जनवरी माह में 300 से 350 रुपये किलो बिक रहा था फरवरी में उसी लहसुन के दाम 500 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं.
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