लखनऊ: महाकुंभ में माघी पूर्णिमा पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु मंगलवार को लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने पहुंचे. गंगा गोमती एक्सप्रेस को मंगलवार शाम 6:15 बजे रवाना होनी था, जो 15 मिनट लेट यानी 6:30 बजे प्लेटफार्म नंबर तीन से रवाना हुई, लेकिन इससे पहले पांच बजे ही ट्रेन को बीच वाले प्लेटफार्म पर खड़ा कर दिया गया. जब तक शाम को 5:45 बजे ट्रेन अपने तय प्लेटफार्म नंबर तीन पर आती, इससे पहले ही ट्रेन पूरी तरह से फुल हो चुकी थी. यहां पर यात्रियों के बैठने तक की जगह नहीं बची थी.
रेलवे प्रशासन की तरफ से स्टेशन पर लगातार उद्घोषणा कराई जाती रही कि बेटिकट यात्री ट्रेन में न बैठें. पटरी को पार कर ट्रेन में बैठने न जाएं, लेकिन बड़ी संख्या में पहुंचे यात्री ट्रेन की पटरियां फांदकर ट्रेन पकड़ने पहुंचे और सीटों पर कब्जा जमाया. भूसे की तरह यात्री ट्रेनों के अंदर ठसाठस भर गए. आलम ये था कि ट्रेन के अंदर बैठे यात्रियों ने दरवाजा ही बंद कर लिया. कई यात्री बाहर से दरवाजा खोलने की गुहार करते रहे, लेकिन अंदर बैठे यात्रियों ने दरवाजा नहीं खोला.
बच्चे, बूढ़े, युवा महिलाएं, सभी आयु वर्ग के लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए ट्रेन में बैठने को बेताब दिखे. हालांकि जिन्हें सीट मिल गई उनके चेहरे पर तो खुशी थी, लेकिन जो सीट के लिए जद्दोजहद कर रहे थे उनके चेहरे पर मायूसी भी साफ झलक रही थी. हालांकि महाकुंभ स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं में जोश भी गजब का नजर आया. खास बात ये भी है कि बीच वाली पटरी से प्लेटफॉर्म नंबर तीन तक आने के दौरान ट्रेन पूरी तरह भर चुकी थी, लेकिन जीआरपी और आरपीएफ के जवान लापता थे. जब भीड़ ज्यादा बढ़ी तो प्लेटफार्म पर ट्रेन लगवाने और भीड़ को नियंत्रित करने आरपीएफ और जीआरपी के जवान पहुंचे.