गणेश चतुर्थी 2024, रामलला की छवि वाले गणेश प्रतिमाओं की बढ़ी डिमांड, मूर्तियां को अंतिम रूप दे रहे मूर्तीकार - GANESH CHATURTHI 2024 - GANESH CHATURTHI 2024
गणेश चतुर्थी का पावन उत्सव इस साल 7 सितंबर शनिवार को है. इसे ध्यान में रखते हुए मूर्तिकार गणेश जी की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. इस साल बाजार में श्री रामलला जैसी गणेश प्रतिमा का ट्रेंड देखने को मिल रहा है. साथ ही इको फ्रेंडली मूर्तियों को भी लोग अधिक खरीद रहे हैं.
रामलला छवि वाले गणेश प्रतिमाओं की डिमांड (ETV Bharat Chhattisgarh)
बाजार में रामलला छवि वाले गणेश प्रतिमाओं का ट्रेंड (ETV Bharat Chhattisgarh)
कोरबा : आगामी 7 सितंबर से गणेश चतुर्थी का उत्सव शुरू हो जाएगा. इसलिए बाजार में मूर्तिकारों द्वारा बनाए जा रहे गणेश प्रतिमाओं की बिक्री शुरु हो गई है. अभी मूर्तिकार प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. रंग रोगन से लेकर मूर्तियों पर आकर्षक परिधान चढ़ाये जा रहे हैं. मूर्तियों को हिंदू पौराणिक कथाओं और देवी-देवताओं के आधार पर कई रूप दिया जा रहा है. उसी में एक है भगवान रामलला के रूप वाले गणेश प्रतिमाएं.
रामलला की छवि वाले मूर्ति की डिमांड :इस साल बाजारों में रामलला की छवि वाले गणेश प्रतिमाओं के डिमांड अधिक है. मार्केट में श्री राम जैसी या भगवान राम के बाल रूप श्री रामलला छवि वाले गणेश प्रतिमा ट्रेंड छाया हुआ है. मूर्तिकार भी इसी तरह के मूर्तियों का निर्माण अधिक कर रहे हैं. ताकि गणेश उत्सव समितियों को डिमांड के अनुसार मूर्तियां प्रदान की जा सके. अयोध्या के राम मंदिर में प्रभु रामलला की स्थापना का असर सभी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है.
"इस वर्ष रामलला की छवि वाले मूर्तियों की अधिक डिमांड है. लोग आ रहे हैं और भगवान श्री राम जैसी गणेश प्रतिमा की डिमांड कर रहे हैं. हमने मूर्तियों का निर्माण भी उसी के आधार पर किया है. श्री राम जैसी गणेश प्रतिमा की डिमांड बहुत ज्यादा है." - शंकर, कलकत्ता के मूर्तिकार
इको फ्रेंडली गणेश का निर्माण : स्थानीय मूर्तिकार हेमंत कुम्हार ने बताया, "अब हम गणेश प्रतिमाओं के निर्माण में घातक केमिकल का उपयोग नहीं करते. जो हानिकारक नहीं हैं, ऐसे रंग काफी महंगे हैं. गणेश प्रतिमाओं के निर्माण के लिए मिट्टी और पराली का ही इस्तेमाल करते हैं, जो कि पूरी तरह से पानी में घुलनशील हैं. इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता. डिमांड के आधार पर हमने मूर्तियां तैयार कर ली है. बड़े तादाद में हमने मूर्तियों का निर्माण किया है. अब भी डिमांड लगातार हमारे पास आ रही है."
"इस साल बीते वर्षों के तुलना में गणेश प्रतिमाओं की डिमांड ज्यादा आ रही है. मूर्तियों के दाम में 2000 से 3000 रुपए तक का उछाल आया है. कोरबा के इन कारीगरों के पास मजूद गणेश प्रतिमा की कीमत 2000 से शुरू हो जाती है. अधिकतम कीमत 20,000 रुपए तक है." - हेमंत कुम्हार, मूर्तीकार
पंडाल बनाने की भी हुई शुरुआत :शहर व आसपास के उपनगरीय क्षेत्र में गणेश उत्सव की तैयारी शुरू हो चुकी है. 9 से लेकर 11 दिनों तक गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाता है. गणेश उत्सव समितियां ने अपने बजट के अनुसार पंडाल बनाने की शुरुआत कर दी है. इसके लिए भी कारीगर दूसरे शहरों से बुलाए गए हैं. फिलहाल पंडाल बनाने की तैयारी शुरुआती स्तर पर है. आने वाले एक हफ्तों में पंडाल बनकर तैयार हो जाएंगे. इसके बाद 7 सितंबर से पंडालों में गणपति विराजित होंगे.