पंडरिया :7 सितंबर को गणेश चतुर्थी है. लिहाजा गणेशोत्सव को लेकर लोगों में उत्साह है. पंडरिया विधानसभा में भी गणेशोत्सव की तैयारी जोरों पर है. मूर्तियों को अंतिम रूप देने में मूर्तिकार जुटे हैं. लेकिन बप्पा की मूर्तियों की कीमत में इस बार महंगाई का असर दिख रहा है.
दस साल में 70 फीसदी महंगे हो गए गजानन: दस दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव को लेकर तैयारियां जोरों से चल रही हैं. उत्सव की शुरुआत इस महीने 7 सितंबर से होगी. कारीगर बीते चार महीने से मूर्तियां बनाने का काम कर रहे हैं. पंडरिया में भगवान की मूर्ति पर महंगाई का असर दिख रहा है. महंगाई का आलम ये है कि आज से दस साल पहले 30 से 50 रुपये में बिकने वाली भगवान गणेश की मूर्ति अब 100 से 200 रुपये में बिक रही है.
मूर्तिकार क्या कहते हैं: पंडरिया विकासखंड के ग्राम दामापुर में छेदी कुम्भकार भगवान गणेश की मूर्तियां करीब 30 सालों से बना रहे हैं. उनका पूरा परिवार बीते 30 सालों से दामापुर में मूर्ति बनाने का काम कर रहा है. परिवार के जीवनयापन करने का यही एक मुख्य व्यवसाय है.
''100 रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक की मूर्ति बना रहे हैं. इस साल भगवान गणेश की बड़ी छोटी करीब 200 मूर्तियां बनाई हैं. एक फीट से लेकर दस फीट ऊंची मूर्ति को बनाने में करीब चार महीने का समय लगता है, लेकिन रंग भरने और मूर्ति के जेवर बनाने में सबसे ज्यादा समय लगता है.'' -छेदी कुंभकार, मूर्तिकार
गणेश प्रतिमा की डिमांड बढ़ी: मूर्तिकारों का कहना है कि पहले करीब 100 मूर्ति ही बनाते थे. अब मांग बढ़ने लगी है तो मूर्तियों की संख्या भी बढ़ा दी है. 200 रुपये से लेकर दस हजार रुपये तक की मूर्तियां बना रहे हैं. मूर्तियों की कीमत आकार, डिजाइन और ग्राहकों की विशेष मांग के आधार पर तय की जाती है.