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Ganesh Chaturthi 2024: दस साल में 70 फीसदी महंगे हो गए गणपति, महंगाई का दिखा असर - Ganesh Chaturthi 2024 - GANESH CHATURTHI 2024

Ganesh Chaturthi 2024 छत्तीसगढ़ में गणेशोत्सव को लेकर लोगों में उत्साह है. कारीगरों ने लोगों की डिमांड के मुताबिक बप्पा की आकर्षक प्रतिमाएं बनाई हैं. गणेश प्रतिमा पर महंगाई का असर भी दिख रहा है. पिछले दस साल में गणेश प्रतिमा 70 फीसदी तक महंगी हुई है. Ganeshotsav 2024

Ganesh Chaturthi 2024
गणेश चतुर्थी 2024 (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 4, 2024, 5:44 PM IST

दस साल में महंगे हो गए गणपति प्रतिमाएं (ETV Bharat)

पंडरिया :7 सितंबर को गणेश चतुर्थी है. लिहाजा गणेशोत्सव को लेकर लोगों में उत्साह है. पंडरिया विधानसभा में भी गणेशोत्सव की तैयारी जोरों पर है. मूर्तियों को अंतिम रूप देने में मूर्तिकार जुटे हैं. लेकिन बप्पा की मूर्तियों की कीमत में इस बार महंगाई का असर दिख रहा है.

दस साल में 70 फीसदी महंगे हो गए गजानन: दस दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव को लेकर तैयारियां जोरों से चल रही हैं. उत्सव की शुरुआत इस महीने 7 सितंबर से होगी. कारीगर बीते चार महीने से मूर्तियां बनाने का काम कर रहे हैं. पंडरिया में भगवान की मूर्ति पर महंगाई का असर दिख रहा है. महंगाई का आलम ये है कि आज से दस साल पहले 30 से 50 रुपये में बिकने वाली भगवान गणेश की मूर्ति अब 100 से 200 रुपये में बिक रही है.

मूर्तिकार क्या कहते हैं: पंडरिया विकासखंड के ग्राम दामापुर में छेदी कुम्भकार भगवान गणेश की मूर्तियां करीब 30 सालों से बना रहे हैं. उनका पूरा परिवार बीते 30 सालों से दामापुर में मूर्ति बनाने का काम कर रहा है. परिवार के जीवनयापन करने का यही एक मुख्य व्यवसाय है.

''100 रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक की मूर्ति बना रहे हैं. इस साल भगवान गणेश की बड़ी छोटी करीब 200 मूर्तियां बनाई हैं. एक फीट से लेकर दस फीट ऊंची मूर्ति को बनाने में करीब चार महीने का समय लगता है, लेकिन रंग भरने और मूर्ति के जेवर बनाने में सबसे ज्यादा समय लगता है.'' -छेदी कुंभकार, मूर्तिकार

गणेश प्रतिमा की डिमांड बढ़ी: मूर्तिकारों का कहना है कि पहले करीब 100 मूर्ति ही बनाते थे. अब मांग बढ़ने लगी है तो मूर्तियों की संख्या भी बढ़ा दी है. 200 रुपये से लेकर दस हजार रुपये तक की मूर्तियां बना रहे हैं. मूर्तियों की कीमत आकार, डिजाइन और ग्राहकों की विशेष मांग के आधार पर तय की जाती है.

बप्पा की मूर्तियां कैसे बनाई जाती है: मूर्तिकारों का कहना है कि भगवान गणेश की मूर्तियों के निर्माण में उपयोग होने वाली सामग्री का अधिकतर हिस्सा स्थानीय बाजार से ही खरीदा जाता है. इनमें बांस, लकड़ी, पैरावट और अन्य आवश्यक सामग्री शामिल हैं. मूर्तियों की सजावट के लिए उपयोग होने वाली विभिन्न प्रकार की सामग्री पंडरिया, कवर्धा से मंगाई जाती है.

''पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मिट्टी की मूर्तियों को प्राथमिकता देते हैं, ताकि पूजा के बाद मूर्तियों का विसर्जन पर्यावरण के लिए हानिकारक न हो..'' -छेदी कुंभकार, मूर्तिकार

त्योहारी सीजन में व्यस्त रहते हैं मूर्तिकार: देवी देवताओं की मूर्तियां बनाने वाले कारीगरों के लिए त्योहारी सीजन सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण होता है. इस समय गणेश चतुर्थी और नवरात्रि की तैयारी जोरों पर है. इसी के साथ स्थानीय मूर्तिकारों के काम में भी तेजी आ गई है.

नवरात्रि की तैयारी में जुटे मूर्तिकार: गणेश प्रतिमाओं के बाद मूर्तिकार मां दुर्गा की प्रतिमाओं के निर्माण में जुट जाते हैं. नवरात्रि के दौरान, शहर और गांवों में मां दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं, जिससे मूर्तियों की मांग और भी बढ़ जाती है.

कोलाकाता से भी पहुंचे कारीगर: पंडरिया, राबेली, पेंड्री, दामापुर, कुंडा और आसपास के गांवों के मूर्तिकारों के अलावा, कोलकाता से भी कुछ कारीगर मूर्ति बना रहे हैं. वे भगवान गणेश और मां दुर्गा के अलावा भगवान विश्वकर्मा की मूर्तियां भी बना रहे हैं.

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