हरियाणा में क्या होगा इंडिया गठबंधन का ! चंडीगढ़:पश्चिम बंगाल के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का एलान कर दिया है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि वे पंजाब में सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस से उनका कोई लेना देना नही है. वहीं हरियाणा में भी अब लग रहा है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का इंडिया गठबंधन के तहत साथ आना मुश्किल है. हालांकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि वह सभी 10 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. लेकिन दोनों दलों ने इस मामले को फिलहाल हाईकमान पर छोड़ दिया है.
आप का क्या कहना है?:हरियाणा में इंडिया गठबंधन के तहत लोक सभा चुनाव लड़ने के मुद्दे पर हरियाणा आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा कहते हैं कि गठबंधन को लेकर जो भी फैसला होगा, वह सेंट्रल कोऑर्डिनेशन टीम करेगी. सारे निर्णय आपसी बातचीत के जरिए होंगे. कहां पर सीट शेयरिंग होगी, कहां पर साथ लड़ेंगे, कहां पर साथ नहीं लड़ेंगे, यह सारी बातचीत सेंट्रल कोआर्डिनेशन टीम करेगी. इसको लेकर बातचीत चल रही है और हम पॉजिटिव हैं. हरियाणा, दिल्ली, गोवा और गुजरात को लेकर दो दौर की हमारी बातचीत हो चुकी है. उम्मीद है कि ऐसा गठबंधन बन सकेगा जो बीजेपी को हरियाणा के अंदर सभी 10 सीटों पर हराएगा. अगर कोई यह सोचता है कि कांग्रेस अकेले बीजेपी को हरियाणा में हरा सकती है तो उसे 2014 और 2019 का इतिहास देखना चाहिए.
कांग्रेस का क्या कहना है?: इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने के सवाल पर हरियाणा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रही कुमारी शैलजा सीधे जवाब देने से बचती नजर आई. वे कहती हैं कि देश में जो इंडिया गठबंधन बना है, उसकी बातचीत हुई है और बातचीत चल रही है. वहां यानी कोऑर्डिनेशन कमेटी के बीच आपस में बैठकर क्या-क्या बात चल रही है, हम यहां पर बैठकर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते और नही हमें उस पर टिप्पणी करनी चाहिए.
बीजेपी ले रही है चुटकी: आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए डॉ अशोक तंवर कहते हैं कि आम आदमी पार्टी ने आत्मसमर्पण कर दिया है. गठबंधन होगा या नहीं होगा यह बाद की बात है, उनके पास तो उम्मीदवार तक नहीं है. वे कहते हैं कि जैसे पंजाब में चल रहा है वैसे ही अन्य राज्यों में भी गठबंधन को लेकर चल रहा है. जहां तक हरियाणा की बात है तो मुझे नहीं लगता है कि कोई बीजेपी के टक्कर में है. वे चाहे गठबंधन में मिलकर चुनाव लड़ें, दो दल मिलकर लड़ें, तीन दल मिलकर लड़ें. आम आदमी पार्टी पहले से भी बड़े अंतर के साथ आने वाले चुनाव में हरियाणा में हारेगी. बीजेपी सभी 10 सीटों को बड़े बहुमत के साथ जीतेगी.
राजनीतिक प्रेक्षकों की राय: राजनीतिक मामलों के जानकार धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि हरियाणा में वर्तमान हालत हो या पहले, आम आदमी पार्टी का कोई बड़ा आधार नहीं है. ऐसे में उम्मीद करना कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी आम आदमी पार्टी को कोई लोकसभा सीट देगी बेमानी बात होगी. हरियाणा को लेकर कांग्रेस अपने आप को मजबूत स्थिति में पाती है, तो ऐसे में वह अगर आम आदमी पार्टी को कोई सीट देती है तो वह फिर सीट को खोने वाली बात बन सकती है. इसलिए हरियाणा में कांग्रेस अकेले ही चुनाव मैदान में जाना ज्यादा पसंद करेगी. वहीं राजनीतिक प्रेक्षक राजेश मुद्गल कहते हैं कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी मजबूत स्थिति में है और उसके पास उम्मीदवारों की भी कमी नहीं है. हरियाणा में आम आदमी पार्टी का वह आधार नहीं है कि वह किसी भी सीट पर विरोधी को टक्कर दे पाए. इसके पीछे वह तर्क देते हुए कहते हैं कि आम आदमी पार्टी ने इससे पहले हरियाणा में 2019 में विधानसभा चुनाव लड़ा था तो उसमें उनको नोटा से भी कम वोट मिले थे. ऐसे में हरियाणा में गठबंधन हो पाएगा कहना मुश्किल है.
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