श्रीगंगानगर: कोचिंग स्टूडेंट को लोन दिलाने के बहाने उसके एक दोस्त ने उससे डॉक्यूमेंट ले लिए. बाद में लोन की प्रोसेस पूरी करने के नाम पर खाते की पासबुक और एटीएम आदि अपने पास रख लिए. पीड़ित स्टूडेंट के मोबाइल नंबर की जगह अपना नंबर अपडेट करवा लिया और साइबर फ्रॉड की राशि का लेनदेन खाते में कर दिया.
पीड़ित ने बताया कि उसे कोचिंग इंस्टीट्यूट से शहर से करीब तीन किलोमीटर दूर गांव आने-जाने के लिए मोटरसाइकिल की जरूरत थी. उसने इस संबंध अपने साथी स्टूडेंट से बात की. उसके साथी स्टूडेंट ने उसे लोन का काम करने वाले एक व्यक्ति से मिलवाया. पीड़ित के साथी स्टूडेंट ने उसे कहा कि लोन के लिए उसका बैंक खाता खुलवाना जरूरी है. वह इसके लिए पीड़ित को मीरा चौक स्थित बैंक ले गया.
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वहां उसका खाता खुलवाया और लोन प्रोसेस करवाने के नाम पर उसकी बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड आदि अपने पास रख लिए. बाद में आरोपी साथी स्टूडेंट ने पीड़ित को बताया कि उसके मोबाइल नंबर पर लोन से जुड़े ओटीपी नहीं आ पा रहे हैं. ऐसे में बैंक खाते में मोबाइल नंबर बदलना होगा. आरोपी ने पीड़ित के मोबाइल नंबर की जगह अपना बताया एक मोबाइल नंबर बैंक खाते में अपडेट करवा दिया. इसके बाद आरोपी में इसमें फ्रॉड की राशि का लेनदेन करने लगा.
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पता चलने पर पीड़ित ने दर्ज करवाया मुकद्दमा: कोचिंग स्टूडेंट को हरियाणा पुलिस से मिली टेलीफोन कॉल से उसके खाते में फ्रॉड राशि के लेनदेन का पता लगा. इस पर उसने साइबर थाने में मामला दर्ज करवाया. पीड़ित स्टूडेंट ने बताया कि वह शहर के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ता है. पढ़ाई के दौरान उसकी पहचान साथी स्टूडेंट से हुई. वह उसके किराए के कमरे पर आने-जाने लगा.