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अगर कॉलेज ने ये काम नहीं किया तो स्कॉलरशिप से हाथ धो बैठेंगे छात्र - Fraud in scholarship scheme

छात्रवृत्ति योजना में फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए नए वित्तीय वर्ष में यू डाइस और आइस लागू किया गया है. डिजी लॉकर से न जुड़े कॉलेज के छात्रों के लिए अब मुसीबत बड़ सकती है. छात्रवृत्ति योजना का लाभ अब फर्जी और बिना पंजीकरण के चल रहे विद्यालयों या डिग्री कॉलेज के छात्र नहीं उठा सकेंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 15, 2024, 11:36 AM IST


लखनऊ: समाज कल्याण विभाग की ओर से प्रदेश में दिए जाने वाले छात्रवृत्ति में घोटाले को रोकने के लिए सभी उच्च शिक्षा संस्थानों और विद्यालयों को यूनिफाइड डिस्टिक इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (डिजी लॉकर) और इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (आइस) से जुड़ना अनिवार्य किया गया है. छात्रवृत्ति योजना का लाभ अब फर्जी और बिना पंजीकरण के चल रहे विद्यालयों या डिग्री कॉलेज के छात्र नहीं उठा सकेंगे.विद्यालयों और कॉलेजों को डीजी लॉकर से जुड़ना होगा. साथ ही छात्रवृत्ति के लिए भेजे जाने वाले विवरण को डिजिटल हस्ताक्षर करके वेरीफाई भी करना होगा.

समाज कल्याण विभाग ने छात्रवृत्ति योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए यू डाइस और आइस को नए वित्त वर्ष से लागू किया है. यू डाइस केंद्र सरकार का पोर्टल है. इसमें कक्षा 9 से 12 तक के छात्र आवेदन कर सकते हैं जबकि, इसमें इंटरमीडिएट कर चुके छात्राएं आवेदन कर सकते हैं. खास बात यह है कि इस पोर्टल पर विद्यालय आवेदन कर सकेंगे. जिनके पास आईडी प्रमाण पत्र में मुद्रित कोड के साथ नवीनतम मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र हो. आवेदन करते समय विद्यालय और कॉलेज की आईडी दर्ज करनी होगी. इस प्रक्रिया के लागू होने के बाद परीक्षा परिणाम ऑटो फेस यानी स्वचालित रूप से मिल जाया करेगा.

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6.18 लाख छात्रों को इस बार मिलेगी छात्रवृत्ति:समाज कल्याण विभाग इस वर्ष विभिन्न विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध महाविद्यालय से करीब 7.87 लाख आवेदन छात्रवृत्ति के लिए प्राप्त किए हैं. विभाग ने इनमें से 6.18 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है. विभाग की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार इस बार विश्वविद्यालय और संबद्ध डिग्री कॉलेज से 8 लाख 80 हजार 10 आवेदन छात्रवृत्ति के लिए आए थे. इनमें से समाज कल्याण विभाग को 787606 आवेदन भेजे गए. विभाग के जानकारों की माने तो विभागीय हीला हवाली के चलते 1554 आवेदन निरस्त किए गए वर्तमान में 77352 छात्रों की छात्रवृत्ति मिलना अभी बाकी है. समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत में समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भेज कर आवेदन में फारवर्ड करने, छात्र स्तर पर आवेदन में सुधार करने, एनआईसी से डाटा और जनपद समिति से संस्तुति को भी शामिल करते हुए व्यवस्था को 30 जून तक व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश जारी किए हैं.



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