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सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियां करने वाले चार वकील निलंबित, बार काउंसिल ने की कार्रवाई - HIGH COURT NEWS

बार काउंसिल ऑफ यूपी के अध्यक्ष और सदस्यों पर की थी टिप्पणी, अब जिला न्यायलयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी मिलेगी दीवानी की नकल

बार काउंसिल ऑफ यूपी ने की कार्रवाई.
बार काउंसिल ऑफ यूपी ने की कार्रवाई. (Symbolic)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 20, 2025, 10:41 PM IST

प्रयागराजः सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियां करने और बार काउंसिल ऑफ यूपी के अध्यक्ष और सदस्यों को अपशब्द कहने के मामले में चार अधिवक्ताओं को निलंबित कर दिया गया है. बार काउंसिल ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की है. सचिव बार काउंसिल ऑफ यूपी के अनुसार लखनऊ के अधिवक्ता अंकित सिंह, प्रखर मिश्र, शशांक सिंह और गाजियाबाद के अधिवक्ता नितिन यादव का पंजीकरण निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है. अनुशासन समिति इस मामले में 30 मार्च को अगली सुनवाई करेगी. इन अधिवक्ताओं पर आरोप है कि ये सोशल मीडिया पर बार काउंसिल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों पर अभद्र टिप्पणियां की हैं.

जिला न्यायलयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी मिलेगी दीवानी की नकल
जिला न्यायालयों में अब जून माह के ग्रीष्मकालीन अवकाश में दीवानी मुकदमों के आदेशों, निर्णयों की नकल प्रतिलिपि भी मिलगी. हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने प्रदेश के सभी जिला जजों को इस आशय की अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना में कहा गया है कि यह संज्ञान में आया है कि जिला न्यायालयों के प्रतिलिपि विभाग ग्रीष्मकालीन अवकाश में केवल आपराधिक प्रकृति के मामलों से संबंधित निर्णयों/आदेशों की प्रमाणित प्रतियां जारी कर रहे हैं. सिविल प्रकृति के मामलों के निर्णयों आदेशों की प्रमाणित प्रतियां जारी करने से इस आधार पर मना कर रहे हैं कि उन्हें अत्यावश्यक नहीं माना जाता है. जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत सभी न्यायालयों में संबंधित अनुभाग (प्रतिलिपि विभाग) उस अवधि के दौरान खुला रहता है. इस मामले में एकरूपता लाने के लिए सभी जिला जज यह सुनिश्चित करें कि प्रमाणित प्रतियों के लिए सभी आवेदनों पर चाहे उनकी प्रकृति (सिविल या आपराधिक) ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान विचार किया जाए और नियमानुसार प्रमाणित प्रतियां प्रदान की जाएं.

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