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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 6, 2024, 7:10 PM IST

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घने जंगलों के बीच पूर्व प्रधान कुंवर नेगी ने गाढ़ा टेंट, इन मांगों को लेकर शुरू की भूख हड़ताल

Kunwar Negi Sit on Hunger Strike in Gairsain गैरसैंण के विनायक धार में पूर्व प्रधान कुंवर सिंह नेगी चार सूत्रीय मांगों को लेकर घने जंगल में टेंट लगाकर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. जहां कुंवर नेगी ने टेंट गाढ़ा है, वहां घना जंगल होने की वजह से जंगली जानवरों का भी खतरा है. इसके अलावा पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं है. ऐसे में खतरनाक माहौल और जंगल के बीच में कुंवर नेगी अनशन पर बैठ गए हैं.

Kunwar Negi Sit on Hunger Strike
पूर्व प्रधान कुंवर नेगी का धरना

गैरसैंण:माईथान क्षेत्र के ग्रामीणों ने सड़क और स्वास्थ्य संबंधी चार सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है. इतना ही नहीं देवपुरी गांव के पूर्व प्रधान कुंवर सिंह नेगी ने जंगल में टेंट लगाकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है. भारी बारिश और बर्फबारी के बीच काफी संख्या में महिलाओं समेत विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने कुंवर नेगी को अपना समर्थन दिया. इस दौरान ग्रामीणों ने शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं, ग्रामीणों में सरकार और लोक निर्माण विभाग के प्रति भारी नाराजगी भी देखने को मिली.

बता दें कि तय कार्यक्रम के अनुसार माईथान क्षेत्र के देवपुरी गांव के पूर्व प्रधान कुंवर सिंह नेगी क्षेत्र के विभिन्न गांवों की सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों के साथ गांव से 14 किलोमीटर दूर अनशन स्थल विनायक धार पहुंचे. जहां घने जंगलों के बीच भारी बारिश और बर्फबारी में ही टेंट लगाकर भूख हड़ताल पर बैठ गए. जहां ग्रामीणों ने उनके समर्थन में नारेबाजी कर फूल माला भी पहनाया. जिसके बाद पूर्व प्रधान कुंवर नेगी ने आमरण अनशन शुरू कर दिया गया.

महिलाओं ने पूर्व प्रधान कुंवर नेगी को दिया अपना समर्थन

चार सूत्रीय मांगों को ग्रामीणों ने तानी मुठ्ठी:ग्रामीण चार सूत्रीय मांगों को लेकर मुखर हैं. जिसमें देवपुरी-विनायक धार सड़क को कस्वीनगर से जोड़ने की मांग, माईथान-चौखुटिया की क्षतिग्रस्त सड़क का डामरीकरण, नैल पत्थरकट्टा सड़क को देवपुरी गांव से जोड़ने और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र माईथान में डॉक्टर की नियुक्ति किए जाने की मांगें शामिल हैं.

अनशनकारी पूर्व प्रधान कुंवर सिंह नेगी ने कहा कि कस्वीनगर में 5 किलोमीटर की सड़क 50 साल बाद भी नहीं जुड़ पाई है. जिसके चलते ग्रामीणों को थराली क्षेत्र में जाने के लिए 150 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र की समस्याओं को लेकर शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते पहले भी 2007 और 2015 में भूख हड़ताल की गई थी. समस्याओं का समाधान न होने तक भूख हड़ताल जारी रहेगी.

पूर्व प्रधान कुंवर नेगी का समर्थन करने पहुंचे लोग

वहीं, कार्यक्रम अध्यक्ष हरेंद्र कंडारी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और सरकार की उपेक्षापूर्ण रवैये के चलते आंदोलन करना ही एकमात्र रास्ता रह गया है. जिला पंचायत सदस्य अवतार सिंह पुंडीर ने कहा कि जल्द मांगे पूरी न होने पर आंदोलन को और उग्र किया जाएगा. जिसमें क्षेत्र की सभी 21 ग्राम पंचायतें शामिल होंगी.

बता दें कि अनशन स्थल विनायक धार देवपुरी-गैरसैंण से 14 किलोमीटर और कस्वीनगर-थराली से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जो सीमांत क्षेत्र है. साथ ही घने जंगलों के बीच बसा हुआ स्थान है. यहां तक विकासखंड गैरसैंण की सीमा के अंतर्गत 14 किलोमीटर सड़क का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है. वहीं, थराली ब्लॉक के सड़क से जुडे अंतिम गांव कस्वीनगर की दूरी 5 किलोमीटर बाकी है.

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