नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली की पूर्व डिस्ट्रिक्ट जज सुजाता कोहली की ओर से दायर अवमानना के मामले में दिल्ली बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष राजीव खोसला को बरी कर दिया है. जस्टिस सुरेश कैत की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता ने ऐसा कोई तथ्य नहीं दिया जिससे पता चले कि आरोपी के खिलाफ आपराधिक अवमानना का मामला बनता है.
दरअसल शिकायतकर्ता सुजाता कोहली ने याचिका दायर कर राजीव खोसला के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला चलाने की मांग की थी. सुजाता कोहली ने कहा था कि जब तीस हजारी कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दोषी करार देने की कार्यवाही चला रहे थे उस समय दो डिस्ट्रिक्ट जज भी मौजूद थे. इस पर हाई कोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए कहा था कि ये असाधारण है कि न्यायिक कार्यवाही के दौरान कोई दूसरा न्यायिक अधिकारी भी वहां मौजूद हो. उसके बाद कोर्ट ने 27 नवंबर 2021 और 30 नवंबर 2021 की कोर्ट की हाईब्रिड और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की कार्यवाही की रिपोर्ट तलब की थी.
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सुजाता कोहली ने राजीव खोसला पर आरोप लगाया था कि उन्होंने न्याय प्रशासन में सीधे-सीधे हस्तक्षेप किया और कोर्ट को बदनाम करने की कोशिश की. याचिका में कहा गया था कि तीस हजारी कोर्ट में 27 नवंबर 2021 और 30 नवंबर 2021 को कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घटीं. 27 नवंबर 2021 को सुजाता कोहली जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में जुड़ीं तो उन्होंने देखा कि पूरा कोर्ट रूम खचाखच भरा हुआ था. कोर्ट रूम में वकील नारे लगा रहे थे और जज पर आरोप लगा रहे थे कि उन्होंने याचिकाकर्ता के दबाव में राजीव खोसला को दोषी करार दिया.