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सरकार किसानों से धान नहीं खरीदना चाहती, धान तिहार की है अधूरी तैयारी : भूपेश बघेल - FORMER CM BHUPESH BAGHEL

भूपेश बघेल ने साय सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से धान नहीं खरीदना चाहती है.

FORMER CM BHUPESH BAGHEL
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रेस कॉन्फ्रेंस (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 10, 2024, 8:57 PM IST

रायपुर: 14 नवंबर से प्रदेश में धान खरीदी की शुरुआत होने वाली है. धान खरीदी को छत्तीसगढ़ में धान तिहार के रूप में मनाया जाता है. राज्य के निर्माण से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ में धान और धान किसान सियासत का केंद्र रहा है.14 नवंबर से शुरू होने वाले धान खरीदी को लेकर अब प्रदेश में सियासी घमासान तेज हो चुका है. कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर जोरदार हमला होला है. कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगा दिया है.

"धान खरीदी से दूर भाग रही सरकार": पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में एक पत्रकार वार्ता के दौरान राज्य की भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी तो प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर विष्णु देव साय ने धान खरीदी के लिए हमें पत्र लिखा. अब खुद धान खरीदी से दूर भाग रही है. धान खरीदी करना नहीं चाह रही है. मात्र 40-45 दिन तक धान खरीदी कर रहे हैं. इसके लिए भी सरकार की तैयारी पूरी नहीं है.

धान खरीदी पर सियासी दंगल (ETV BHARAT)

हमारी नीति रही थी कि 3 दिन में धान का उठाव हो जाना चाहिए था ,उठाव निरंतर चलते रहता था, बहुत ही स्फूर्ति से हो रही थी. भाजपा सरकार ने मात्र 40-45 दिन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. भाजपा की सरकार ने नया आदेश जारी किया है. हमने धान उठाने की जिम्मेदारी राइसमिल को दी थी. लेकिन अब ये जिम्मेदारी सोसाइटी को दे दी गई है: भाजपा सरकार किसानों के धान की खरीदी नहीं करना चाहती है. सहकारी समिति हाई कोर्ट गई थी. 14 नवंबर से धान खरीदी करना है ,किसानों की धान आ चुकी है ,धान संग्रहण केंद्र में तैयारी अधूरी है:भूपेश बघेल, पूर्व सीएम, छत्तीसगढ़

पूर्व कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भी बोला हमला: धान खरीदी को लेकर पूर्व कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भी हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जब विष्णु देव साय भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे तब मांग रखा था, लेकिन आज धान खरीदी को लेकर दो बार नियम जारी कर चुके हैं. नियमों का संशोधन किया गया है. किसानों का केवायसी,बैंक का फाइनेंस,सब कुछ है. हमारी सरकार थी तो हमने ढाई सौ करोड़ रुपए सोसाइटी को अनुदान दिया था,लेकिन अभी सोसाइटी में आर्थिक भार पड़ रहा है. प्रदेश में रबी फसल के लिए खाद की व्यवस्था नहीं की गई है. बीजेपी सरकार किसान विरोधी है. प्रदेश सरकार को सहकारी समितियों के कर्मचारियों के आंदोलन को समाप्त कर उनकी मांगों को पूरा करना चाहिए.

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