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कैंसर दिवस पर ही मिली थी कैंसर पीड़ित होने की रिपोर्ट, आज सामान्य जीवन जी रही धारणा - विश्व कैंसर दिवस 2024

Former cancer patient told her experience: कैंसर जैसी जटिल बीमारी आज भी लोगों को डराती है. ऐसे में धारणा उन लोगों के लिए प्रेरणा बन कर उभरी हैं, जो कैंसर से पीड़ित हैं. स्टेज-3, ग्रेड-2 का कैंसर डाइग्नोस होने के बावजूद वे अपनी इच्छाशक्ति और इलाज के बल पर केवल छह महीने में ही ठीक हो गई.

cancer patient told her experience
cancer patient told her experience

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 4, 2024, 2:14 PM IST

धारणा ने बताया कैसे उन्होंने कैंसर को हराया

नई दिल्ली: अगर जज्बा हो तो व्यक्ति गंभीर से गंभीर चुनौती को मात दे सकता है. कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है 36 वर्षीय धारणा ने जो एक साल पहले स्तन कैंसर से पीड़ित थीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और डॉक्टरों के इलाज व खुद के जज्बे से कैंसर को मात दी. अब वह कैंसर से पूरी तरह से स्वस्थ हो चुकी हैं और किसी सामान्य महिला की तरह जिंदगी जी रही हैं. धारणा को एंकरिंग का शौक है. अब कैंसर से ठीक होने के बाद वह बखूबी अपना शौक पूरा कर रही हैं. वह कार्यक्रमों में एंकरिंग करती हैं. इससे पहले वह 2017 में मिस एनसीआर भी रह चुकी हैं.

उन्होंने बताया कि चार फरवरी 2023 को वर्ल्ड कैंसर डे के दिन ही मेरी कैंसर की रिपोर्ट आई थी. इसके बाद मेरा इलाज शुरू हुआ और अगस्त तक छह महीने में मेरा इलाज पूरा हो गया. तब से मैं ठीक हूं. मेरी बेटी एक साल की थी. तब पता चला कि मुझे कैंसर है. घर में भी कोई फैमिली हिस्ट्री नहीं थी. इससे हम सब लोग अचंभे में थे. 20 दिन तक हमें यह समझ नहीं आया कि अपने पेरेंट्स को कैसे बताएं. लेकिन, हिम्मत खुद ही जुटानी पड़ती है.

धारणा कहती हैं कि, आपके लिए हिम्मत कोई और नहीं जुटा सकता. इसलिए पूरी हिम्मत से मैंने खुद को तैयार किया. अपने डॉक्टर्स पर भरोसा किया. धर्मशिला नारायणा अस्पताल की कैंसर ओंकोलॉजिस्ट डॉ. कनिका शर्मा ने मेरे इलाज में बहुत ही अहम रोल निभाया. उन्होंने मुझे बहुत हिम्मत दी और बताया कि क्या करें व क्या न करें. मुझे स्टेज-3, ग्रेड-2 का स्तन कैंसर डाइग्नोस हुआ था. शुरुआत डॉक्टर को मेरा कैंसर पहले स्टेज का लगा, लेकिन बाद में इसके तीसरे स्टेज के होने का पता चला. सर्जरी के बाद 21-21 दिन के अंतर से छह बार मेरी कीमोथेरेपी हुई. इसके बाद अगस्त 2023 में मेरा एक महीने का रेडिएशन थेरेपी पूरा हुआ. तब से मैं बिल्कुल ठीक हूं और आपके सामने हूं.

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उन्होंने आगे कहा कि, जीवन में कई बार बड़ी मुश्किलें भी आती है. व्यक्ति को लगता है कि उसे कैंसर कैसे हो सकता है, लेकिन ये किसी को भी हो सकता है कि जागरूकता ही बचाव है. अगर सही समय पर आपका सही डायग्नोसिस हो जाता है तो आप बच सकते हैं. जब मेरा कैंसर ठीक हो सकता है तो किसी भी ठीक हो सकता है. इस तरह से धारणा लोगों को प्रेरित करते हुए संदेश दे रही हैं कि जरूरी बात ये नहीं है कि कैंसर हुआ. जरूरी यह है कि कैंसर हुआ और उसे आपने उसे हरा दिया.

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