देहरादून: उत्तराखंड में वन पंचायत सरपंचों का विरोध वन महकमे के लिए सिरदर्द बन गया है.मामला ग्राम प्रधानों को पंचायत में अधिकार देने का है. जिसके लिए वन विभाग कुछ नया करने पर विचार कर रहा है. लेकिन इस पर कोई अंतिम निर्णय हो पाता इससे पहले ही सरपंचों ने विभाग और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बड़ी बात यह है कि केदारनाथ चुनाव का विरोध करने तक की चेतावनी सरपंचों ने दे दी है.
उत्तराखंड में प्रदेश भर के सरपंच वन महकमे के खिलाफ लामबंद होते हुए दिखाई दे रहे हैं. बड़ी बात यह है कि न केवल विभाग बल्कि सरकार के खिलाफ भी वन पंचायत सरपंचों की नाराजगी सातवें आसमान पर दिखाई दे रही है. शायद यही कारण है कि वन पंचायत सरपंचों ने सरकार को केदारनाथ उप चुनाव का विरोध करने तक की चेतावनी दे दी है. इतना ही नहीं वन पंचायत में सरकार द्वारा उनके अधिकार न बढ़ाए जाने और ग्राम प्रधानों के पक्ष में फैसला लिए जाने की स्थिति में सरपंचों ने काम ना करने की बात कही है.
प्रदेश में वनों के लिए वन पंचायत सरपंचों की अहम भूमिका होती है. फॉरेस्ट फायर से लेकर मानव वन्य जीव संघर्ष में लोगों को जागरूक करने तक सरपंच कार्य करते हैं. वन पंचायत सरपंचों ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि सरकार उनकी अनदेखी करती है तो वह अपना बस्ता वन विभाग में वापस कर देंगे और फिर मुख्यमंत्री और फॉरेस्ट मंत्री वनाग्नि के लिए खुद ही जंगलों की जिम्मेदारी लें.