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श्रीनगर में गुलदारों के हमलावर होने की ढूंढी जा रही वजह, तीन राष्ट्रीय संस्थान करेंगे स्टडी - Srinagar Forest Department

Srinagar Forest Department गुलदार के इंसानों पर हमलवार होने की वजह को जानने के लिये वन विभाग और पशु चिकित्सकों की टीम रेस्कयू किये गए गुलदार का परीक्षण कर रही है. जिससे गुलदार की बदलती प्रवृति की जानकारी जुटाकर मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं को रोका जा सकेगा.

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गुलदार का ब्लड सैंपल लेते वन विभाग के कर्मी (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 31, 2024, 6:08 PM IST

श्रीनगर में गुलदार का लिया गया ब्लड सैंपल (video- ETV Bharat)

श्रीनगर: दहशत का पर्याय बने गुलदारों के इंसानों पर लगातार बढ़ते हमले की वजह को जानने के लिये अब वन विभाग की टीम पशु चिकित्सकों के साथ मिलकर रेस्कयू किए गए गुलदारों का बारीकी से परीक्षण कर रही है, जिसकी रिर्पोट आने के बाद वन विभाग के समक्ष वे सभी कारक होंगे, जो वन विभाग के लिए जानना बेहद जरूरी हैं. इसी बीच आज एक गुलदार का परीक्षण कर उसका ब्लड सैंपल लिया गया. ये ब्लड सैंपल तीन राष्ट्रीय संस्थान भेजे जाएंगे.

श्रीनगर में गुलदार के हमले से 3 मासूमों की गई जान:बता दें कि श्रीनगर में बीते 6 माह में गुलदार के 7 हमले हो चुके हैं, जिससे तीन मासूमों की जान जा चुकी है, जबकि 4 लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए हैं. वन विभाग अब तक 5 गुलदारों को पिंजरे में कैद कर पाया और अब इन्ही गुलदारों में एक गुलदार का परीक्षण किया जा रहा है. इस साइंटिफिक स्टडी से वन विभाग को गुलदार की बदलती प्रवृति की जानकारी हासिल होगी. साथ ही गुलदार के भोजन में क्या बदलाव हुआ है, इसके लिये उसके पाचन तंत्र की जानकारी जुटाई जा रही है.

तीन राष्ट्रीय संस्थान करेंगे अध्यन:गुलदार की आदतों में हुए बदलाव, मौसम परिवर्तन और कई ऐसे कारक हैं, जो वन विभाग को गुलदार के हमलवार होने की असल वजह बताएगा. वन विभाग ने लिए गए ब्लड सैंपल को साइंटिफिक स्टडी के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया, आईबीआई बरेली और पशु लोक ऋषिकेश भेजा है, जहां इन ब्लड सैंपलों का अध्यन किया जाएगा. वहीं, गढ़वाल वन प्रभाग पौड़ी के डीएफओ स्वप्निल अनिरूद्ध ने बताया कि ये स्टडी वन विभाग और आम लोगों के लिए बेहद जरूरी है. स्टडी के बाद पता चलेगा कि भारी संख्या में गुलदार के हमले क्यों हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछ्ले रिकॉर्ड बता रहे हैं कि गुलदार अब मानवीय बस्ती में भी शिकार कर रहे हैं.

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