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गुलाब की करें इस तरह खेती, हो जाएंगे मालामाल - Floriculture in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ के किसान अब धीरे-धीरे फूलों की खेती की ओर आगे बढ़ रहे हैं. सबसे अधिक डिमांड गुलाब के फूलों की है. ऐसे में प्रदेश के किसानों को गुलाब फूल की खेती करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? साथ ही गुलाब फूल की ऐसी कौन सी किस्म है, जिससे किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं, यह जानना जरूरी है. ईटीवी भारत आज आपको इस संबंध में सारी जरूरी जानकारी देने जा रहा है.

Rose FLORICULTURE IN CHHATTISGARH
गुलाब की खेती

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 25, 2024, 7:18 AM IST

Updated : Apr 25, 2024, 10:38 AM IST

गुलाब फूल की खेती पर विशेषज्ञ की सलाह

रायपुर:छत्तीसगढ़ के किसान अधिक आमदनी को ध्यान में रखते हुए गुलाब फूल की खेती कर रहे हैं. गुलाब के फूलों की डिमांड इसलिए भी अधिक हैं, क्योंकि इससे गुलाब जल, परफ्यूम, गुलकंद, अगरबत्ती और गुलाब का अर्क आदि बनाया जाता है. गुलाब फूल की खेती की बात करें तो इसके लिए सूर्य की रोशनी का होना जरूरी है, क्योंकि छायादार जगह पर गुलाब का पौधा विकास नहीं कर पाता.

कमर्शियल खेती के लिए कौन सी तकनीक अपनाएं : महात्मा गांधी उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आर.एल. खरे ने बताया, "गुलाब फूल की खेती करते समय विशेष रूप से किसानों को इस बात का ध्यान रखना होता है कि गुलाब फूल के पौधों की दूरी कितनी होनी चाहिए. गुलाब फूल के पौधे को कटिंग के माध्यम से भी लगाया जा सकता है. अगर गुलाब फूल की खेती कमर्शियल करना है तो उसके लिए "टी बडिंग" से रोपण किया जाए तो इसका अच्छा लाभ मिलता है."

"गुलाब फूल की ऐसी तीन किस्में हैं, जिसके समूह के आधार पर दूरियों का निर्धारण किया जाता है. सामान्य तौर पर गुलाब फूल के पौधों की दूरी एक से डेढ़ मीटर की होनी चाहिए. गुलाब फूल के पौधों को पास-पास लगाने से फूल के आकार छोटे हो जाते हैं. गुलाब फूल के पौधों को एक निश्चित दूरी पर लगाने से गुलाब फूल का आकार बड़ा होता है."- आर एल खरे, रजिस्ट्रार, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, रायपुर

गुलाब के लिए कौन सी मिट्टी है अच्छी? : व्यापार के नजरिए से प्रदेश में गुलाब के फूलों की खेती बढ़ता जा रहा है. आजकल शहरों में भी लोग गमले में गुलाब फूल लगाते हैं. गुलाब के फूलों की खेती करते समय मिट्टी का चयन भी महत्वपूर्ण होता है. प्रदेश में गुलाब फूल की खेती करने के लिए दोमट मिट्टी को सबसे अच्छा माना जाता है. साथ ही मिट्टी की उर्वरक क्षमता (उपजाऊ) ज्यादा होनी जरूरी है.

गुलाब फूल की खेती करते समय इन बातों का रखें ध्यान

गुलाब की खेती में सिंचाई के यह नियम अपनाएं: जिस जगह पर गुलाब फूलों की खेती की जा रही है, वहां पर पानी का जमाव नहीं होना चाहिए. जल निकासी की समुचित व्यवस्था किसानों को करनी चाहिए. गर्मी के दिनों में गुलाब के पौधे को लू से बचाना भी बहुत जरूरी होता है. इसके लिए गुलाब के पौधों को कम से कम 2 से 3 दिनों में पानी जरूर देना चाहिए. ठंड के दिनों में एक सप्ताह से 10 दिन के भीतर गुलाब के पौधों को पानी दिया जाना चाहिए.

गुलाब की किस्मों का रखें ध्यान : भारत में गुलाब फूल के लगभग हजारों प्रजातियां हैं, जिनमें हाइब्रीड टी गुलाब बहुत अच्छा माना गया है. गुलाब फूल की किस्म में प्रिंसेस, बंजारन, चितचोर, दीपिका, कविता आदि को सदाबहार गुलाब फूल माना जाता है. गुलाब फूल की खेती करते समय किसानों को इसका उचित प्रबंधन करना भी जरूरी होता है.


गुलाब फूल की खेती करते समय इन बातों का रखें ध्यान:

  1. गुलाब के पौधा रोपण के लिए टी बडिंग तरीका अपनाना चाहिए.
  2. फूल की खेती करने के लिए मिट्टी उपजाऊ होनी चाहिए.
  3. गुलाब के लिए दोमट मिट्टी को सबसे अच्छा माना गया है.
  4. गुलाब फूल के पौधों की दूरी एक से डेढ़ मीटर की होनी चाहिए.
  5. गुलाब के पौधे के लिए सूर्य की रोशनी बहुत जरूरी हैं.
  6. गुलाब की खेती वाले जगह पर पानी का जमाव नहीं होना चाहिए.
  7. गर्मी के दिनों में गुलाब के पौधों को 2 से 3 दिनों में पानी देते रहें.
  8. ठंड के दिनों में 7 से 10 दिन के भीतर पौधों को पानी दें.
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Last Updated : Apr 25, 2024, 10:38 AM IST

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