छत्तीसगढ़ जन समस्या शिविर में सवा लाख से ज्यादा आवेदन, पीएम आवास स्कीम का क्रेज बढ़ा - Jan samashya Sivir
छत्तीसगढ़ में जन समस्या शिविर के दौरान सवा लाख से ज्यादा आवेदन आए हैं. जिसमें सबसे ज्यादा आवेदन पीएम आवास को लेकर हैं.इस बारे में जब डिप्टी सीएम अरुण साव से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि पिछली सरकार ने काम नहीं किया इसलिए इतने आवेदन आए.
पीएम आवास स्कीम के तहत आए इतने एप्लिकेशन (ETV Bharat Chhattisgarh)
जन समस्या शिविर में सवा लाख से ज्यादा आवेदन (ETV Bharat Chhattisgarh)
रायपुर :छत्तीसगढ़ में पीएम आवास को लेकर एक बार फिर डिप्टी सीएम अरुण साव ने बड़ा बयान दिया है. अरुण साव के मुताबिक 5 साल पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने काम नहीं किए थे. उनके काम ना करने की वजह से लगातार लोग परेशान हुए. यही वजह है कि जन समस्या निवारण शिविर में सवा लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं.
पीएम आवास के लिए सबसे ज्यादा आवेदन :डिप्टी सीएमअरुण साव ने कहा किप्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित 17 हजार 512 आवेदन मिले. जिनमें से 1181 का त्वरित निराकरण किया गया. पेयजल समस्या से जुड़े 5573 आवेदनों में से 1233 का शिविर में ही समाधान किया गया. नगरीय निकायों की टीम द्वारा कचरा एकत्रीकरण एवं उठाव से संबंधित 1796 आवेदनों में से 1127 को शिविर स्थल पर ही निराकृत किया गया. सामाजिक सुरक्षा पेंशन संबंधी प्राप्त 2263 आवेदनों में से निकाय स्तर के 570 आवेदनों को तत्काल निराकृत किया गया. शेष आवेदनों के परीक्षण की कार्रवाई जारी है.
''पिछले 5 साल में जो दुर्दशा हुई थी, इस कारण से इतनी बड़ी संख्या में जन समस्या निवारण शिविर में आवेदन आए हैं. राशन कार्ड तक के लिए इतनी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं ,उस दौरान राशन कार्ड भी नहीं बनाए गए. यह पिछली सरकार के समय जो लोग की समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ. इसके कारण इतनी बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं.''-अरुण साव, डिप्टी सीएम छग
अरुण साव के मुताबिक नगरीय निकायों में आयोजित शिविरों में सड़क और नाली मरम्मत तथा निर्माण कार्य से जुड़े 17 हजार 655 आवेदनों में से 809 आवेदनों को तत्काल स्वीकृत कर सड़क और नाली मरम्मत के कार्य किए गए. शेष मांगों के अनुरूप नई नाली और सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं.
क्या एक साथ होंगे निकाय और पंचायत चुनाव ? :नगरी निकाय और पंचायत चुनाव के साथ कराए जाने को लेकर हमने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. समिति लोगों का सुझाव ले रही है. इस समिति का रिपोर्ट आना बाकी है. इस रिपोर्ट के आने के बाद पता चलेगा कि कितने सुझाव उन्हें प्राप्त हुए हैं उनकी अनुशंसा क्या है, और उनका अभिमत क्या है और सरकार उस विचार कर कार्रवाई करेगी.