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मुंगेर में गंगा का रौद्र रूप, कई गांव डूबे, सैकड़ों एकड़ खेतों में घुसा पानी, त्राहिमाम कर रहे लोग - Flood in Bihar

Flood In Bihar: बिहार के मुंगेर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात हैं. कई गांवों में पानी घुस गया है. सीताचरण मंदिर का पूरा इलाका डूब गया है जिससे लोग बेघर हो गए हैं. आने जाने का मात्र एक सहारा नाव ही दिख रहा है. लोगों ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है.

मुंगेर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात
मुंगेर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 11, 2024, 9:25 AM IST

मुंगेर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात (ETV Bharat)

मुंगेर: बिहार के मुंगेर में बीते दो दिनों तक स्थिर रहने के बाद एक बार फिर गंगा उफान पर है. जलस्तर में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गयी है जो तेजी से डेंजर लेबल की ओर बढ़ने लगी है. गंगा में पानी का दबाव बढ़ने के कारण नीचले इलाकों में तेजी से पानी फैलना शुरू हो गया है. दियारा क्षेत्र के तीन पंचायतों के एक दर्जन से अधिक टोला व गांव पानी से घिर गया है. जबकि नदी-नालों से होकर बाढ़ का पानी दूसरे क्षेत्रों में भी पहुंचने लगी है. संभावना है कि रविवार की रात तक गंगा का जलस्तर वार्निंग लेबल 38.33 को पार कर जाएगा.

जिले में बाढ़ की आशंकाः फिलहाल गंगा नदी वार्निंग लेबल से 16 सेंटीमीटर नीचे बह रही. पिछले 23 घंटे में गंगा के जलस्तर में 29 सेंटीमीटर की बढोतरी हुई है. केंद्रीय जल आयोग से मिली जानकारी के अनुसार गंगा का जलस्तर 38.11 मीटर पर पहुंच चुका था. प्रति घंटा 2 सेंटीमीटर की रफ्तार से वृद्धि हो रही है. गंगा के जलस्तर में अभी वृद्धि जारी रहेगी. इस रफ्तार से भी जलस्तर में बढोतरी होती है तो जिले में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो जाएगी.

'दियारा क्षेत्रों में पानी घुसा' गंगा के जलस्तर में बढोतरी होने के कारण गंगा पार दियारा क्षेत्र के नीचले इलाकों में तेजी से पानी फैलने लगा है. सीताचरण, टीकारामपुर, कुतलुपुर बहियार के सैकड़ों एकड़ खेतों में पानी घुस गया है. कुतलुपुर, जाफरनगर एवं टीकारामपुर पंचायत का अधिकांश गांव बाढ़ के पानी से घिर गया है. जाफनगर पंचायत से निकलने वाली सड़क पर भी पानी 3 फीट तक लगा है.

'पशुपालकों को परेशानी':लोगों ने बताया जाता है कि बाढ़ का पानी फैलने से पशुओं के रख-रखाव में पशुपालकों को परेशानी होनी शुरू हो गयी है. जबकि पशुचारा की समस्या भी उत्पन्न हो गयी है. खेतों में लगा हरा पशु चारा डूब गया है. किसानों ने कहा कि इसी रफ्तार से पानी बढ़ा तो बाढ़ आ जाएगी. आम आवाम के साथ ही पशुओं को लेकर लोगों को घरबार छोड़ना पड़ जाएगा.

घरबार छोड़ कर भागने मजबूरः दूसरी तरफ जिले के बरियारपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पूर्वी करहरिया पंचायत के वार्ड नं-3 कठगोला गांव में भी बाढ़ ने तेज़ी से पांव पसारना शुरू कर दिया है. यहां ग्रामीणों को एक तरफ गंगा तो दूसरी तरफ मणि नदी, दोनों तरफ से पानी घुसने से घरबार छोड़ कर भागने पर मजबूर होना पड़ेगा.

क्या कहते हैं लोग? स्थानीय ग्रामीणों में नुसरत बेगम, शकीला बेगम, भाजपा अनुसूचित जाति के मुंगेर जिलाध्यक्ष धीरज पासवान ने कहा कि यहां हर साल बाढ़ का पानी आता है. बावजूद इसके ना तो जिला प्रशासन ना ही स्थानीय विधायक, सांसद और मुखिया इससे निजात दिलाते हैं. बाढ़ के खतरे को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को इस समस्या से अवगत करवाया लेकिन आजतक बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने को लेकर किसी ने ठोस करवाई नहीं की गयी.

"जिस तेजी से गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है उससे लगता है आज रात तक बाढ़ का पानी घोरघट गांव मे घुस जाएगा लेकिन अभी तक जिला प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही है. अभी तक बरियारपुर बीडीओ या किसी भी प्रतिनिधि द्वारा बाढ़ को लेकर निरीक्षण नही किया गया है."-धीरज पासवान,भाजपा अनसूचित जाति जिलाध्यक्ष, मुंगेर

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