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2 करोड़ की फ्लोटिंग विड हार्वेस्टर मशीन बनी शोभा की वस्तु, हजारीबाग नगर निगम पर उठ रहे सवाल - FLOATING WEED HARVESTER MACHINE

हजारीबाग नगर निगम की फ्लोटिंग विड हार्वेस्टिंग मशीन शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. अब लोग नगर निगम पर सवाल उठाने लगे हैं.

Floating Weed Harvester Machine
हजारीबाग झील में बेकार पड़ी फ्लोटिंग विड हार्वेस्टर मशीन. (फोटो-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 8, 2025, 4:52 PM IST

हजारीबाग:झील समेत बड़े तालाबों की साफ-सफाई के लिए हजारीबाग नगर निगम ने लगभग 2 करोड़ रुपये की लागत से फ्लोटिंग विड हार्वेस्टर मशीन की खरीदारी वर्ष 2022 में की गई थी, लेकिन अब यह मशीन सफेद हाथी का दांत बनकर रह गई है. फ्लोटिंग विड हार्वेस्टर मशीन तालाब में ही शोभा की वस्तु बनी हुई है .छठ पूजा के दौरान मशीन की मरम्मत करायी गई थी, लेकिन कुछ ही दिनों में फिर से मशीन खराब हो गई. आलम यह है कि अब मशीन रस्सी से बांधकर रखी गई है.

2022 में खरीदी गई थी मशीन

हजारीबाग नगर निगम हमेशा चर्चा में बना रहता है. करोड़ों रुपये के सामान की खरीदारी होती है, लेकिन उस सामान का उपयोग नहीं होता है. ऐसा ही मामला एक बार फिर सामने आया है. जहां 2022 में लगभग दो करोड़ की लागत से फ्लोटिंग विड हार्वेस्टर मशीन की खरीदारी की गई थी. लेकिन वर्तमान में इस मशीन का उपयोग नहीं हो रहा है.

हजारीबाग झील में बेकार पड़ी फ्लोटिंग विड हार्वेस्टर मशीन पर रिपोर्ट और सहायक नगर आयुक्त अनिल पांडे का बयान. (वीडियो-ईटीवी भारत)

नहीं हो पा रही तालाबों की सफाई

आलम यह है कि झील जलकुंभी से भर गयी है. इसे देखने वाला भी कोई नहीं है . छठ पूजा के दौरान फ्लोटिंग विड हार्वेस्टर मशीन की मरम्मत की गई थी. मुंबई से इंजीनियर पहुंचे थे, लेकिन बनने के बाद कुछ ही दिन चलने के बाद यह मशीन फिर से खराब हो गई है. अब इसे रस्सी से बांधकर झील में रखा गया है. वहीं इस संबंध में नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त अनिल पांडे कहते हैं कि कुछ दिनों पहले ही फ्लोटिंग विड हार्वेस्टर मशीन की मरम्मत करायी गई थी, लेकिन फिर खराब हो गई. मशीन को बनाने की फिर से पहल की जाएगी.

दो करोड़ की मशीन बनी शोभा की वस्तु

आपको बता दें कि इस मशीन की खरीदारी तालाबों की साफ-सफाई के लिए की गई थी. तत्कालीन उप विकास आयुक्त प्रेरणा दीक्षित के कार्यकाल में 15वें वित्त आयोग अंतर्गत जेम पोर्टल के माध्यम से क्लिंटेक कंपनी की यह मशीन खरीदी गई थी. लेकिन अब मशीन शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. वर्तमान में झील में ही मशीन को बांधकर रखा गया है. अगर यह मशीन काम करती तो झील समेत गई जल स्रोतों की सफाई होती.

जलकुंभी से पटा हजारीबाग झील . (फोटो-ईटीवी भारत)

नगर निगम पर उठ रहे सवाल

इस संबंध में स्थानीय भी कहते हैं कि आम जनता नगर निगम को टैक्स देती है. टैक्स के पैसे से ही उपकरण की खरीदारी होती है . लेकिन नगर निगम टैक्स के पैसे की होली खेल रहा है. करोड़ों रुपये की खराब पड़ी मशीन अब शहर में चर्चा का विषय बनकर रह गयी है. बता दें कि फ्लोटिंग वीड हार्वेस्टर मशीन का प्रयोग जम्मू कश्मीर के सुप्रसिद्ध डल झील, हैदराबाद के हुसैना बांध, गोरखपुर के रामगढ़ झील की सफाई के लिए होता रही है.

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