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अयोध्या में 30 लाख श्रद्धालुओं ने पूरी की 14 कोसी परिक्रमा, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे

AYODHYA 14 KOSI PARIKRAMA : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली 14 कोसी परिक्रमा में लाखों श्रद्धालु शामिल.

परिक्रमा में भक्तों का उत्साह चरम पर है.
परिक्रमा में भक्तों का उत्साह चरम पर है. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 10, 2024, 8:06 AM IST

अयोध्या :प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा करने को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. मुहूर्त से पहले उठी परिक्रमा में देर रात बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े. जय श्रीराम का उद्घोष करते हुए कुछ श्रद्धालुओं ने पांच घंटे में ही 42 किलोमीटर नाप दिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद रात भर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी निरीक्षण करते देखे गए. परिक्रमार्थियों को किसी प्रकार की तकलीफ न हो, इसलिए रात भर उच्चाधिकारी भी मेला क्षेत्र में मुस्तैदी के साथ जुटे रहे. अब तक मिली जानकारी के अनुसार तकरीबन 30 से 35 लाख श्रद्धालुओं के द्वारा परिक्रमा किये जाने की संभावना जताई जा रही है.

राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली 14 कोसी परिक्रमा में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ है. अयोध्या धाम परिधि के 42 किलोमीटर तक के परिक्रमा मार्ग पर राम नाम की गूंज सुनाई दे रही है. भक्त नंगे पांव आगे बढ़ रहे हैं. परिक्रमा शनिवार से चल रही है. कार्तिक शुक्ल अक्षय नवमी तिथि पर शाम 6.32 बजे इसकी शुरुआत हुई. परिक्रमा आज दोपहर बाद 4.44 बजे तक चलेगी. भक्त राम मंदिर समेत 5000 मंदिरों की परिक्रमा कर रहे हैं. यह ऐतिहासिक परिक्रमा है.

ऐसी मान्यता है कि कार्तिक अक्षय नवमी पर भगवान श्रीराम की नगरी की परिक्रमा करने से सभी पाप धुल जाते हैं. कभी भी अपने दुश्मनों से पराजय नहीं होती है. इसी मान्यता के साथ आज देश भर से 20 लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा कर रहे हैं.

राम नगरी की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरती जा रही है. कार्तिक माह के पूरे महीने अयोध्या में श्रद्धालुओं की आमद आम दिनों से ज्यादा रहती है. कल्पवासी राम नगरी में रहकर कल्पवास करते हैं. इसके अलावा अक्षय नवमी के पुण्यतिथि पर भगवान राम की नगरी की सांस्कृतिक सीमा में 14 कोसी परिक्रमा की जाती है.

इसके बाद देव उठान एकादशी को भगवान राम के मंदिर यानी कि 5 कोस की परिक्रमा की जाती है. फिर पूर्णिमा के साथ कार्तिक मेले का समापन होता है. अयोध्या की सुरक्षा सख्त कर दी गई है. सुरक्षा व्यवस्था की कमान खुद आईजी प्रवीण कुमार ने संभाली है. उन्होंने बताया कि पिछले बार से काफी ज्यादा संख्या में लोग इस पर परिक्रमा कर रहे हैं. सुरक्षा समेत अन्य सभी प्रबंध बेहतर तरीके से किए गए हैं.

धार्मिक मान्यताओं के आधार पर 14 लोक होते हैं. इसमें सबसे अहम होता है. मानव लोक 14 कोस की परिक्रमा करने से सभी तरीके के लोकों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. यानी की जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है.

परिक्रमा हनुमान गुफा, दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय, नाका हनुमान गढ़ी, धूनी वाले बाबा, कारसेवक पुरम, राम जन्मभूमि, राम घाट चौराहा, मानस भवन, श्री हरिधाम महादेवा मंदिर आदि मार्गों से होकर गुजर रही है. वहीं कई सामाजिक संगठनों की ओर से भक्तों की सेवा के लिए जगह-जगह खानपान के शिविर भी लगाए गए हैं.

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