फिरोजाबाद: Firozabad Lok Sabha Seat Result Date: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद शहर को चूड़ियों का शहर कहा जाता है. इन चूड़ियों को महिलाओं के सुहाग और सौंदर्य का प्रतीक भी माना जाता है लेकिन जिस लोकसभा क्षेत्र में यह शहर आता है, वहां से आजादी से लेकर आज तक कोई महिला सांसद नहीं चुनी जा सकी है.
साल 2009 में समाजवादी पार्टी ने इस सीट से सपा सुप्रीमो की पत्नी डिम्पल यादव को चुनाव मैदान में उतारा भी था लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सकीं. फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर पहला चुनाव साल 1957 में हुआ था और इस चुनाव में बृजराज सिंह निर्दलीय सांसद चुने गए थे.
1957 से लेकर अब तक इस सीट के लिए 16 सांसद चुने जा चुके हैं. अबकी बार 17 वां सांसद चुनने की तैयारी है. आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो 1957 से लेकर अब तक फिरोजाबाद लोकसभा सीट के लिए साल 1957 में यहां पहली बार चुनाव हुए.
पहली बार चुनाव में ठाकुर बृजराज सिंह निर्दलीय सांसद चुने गए. इसके बाद संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से शिवचरण लाल 1967 में सांसद चुने गए. 1971 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से छत्रपति अंबेश को सांसद चुना गया. 1977 में जनता पार्टी से रामजीलाल सुमन सांसद चुने गए.
1980 में राजेश कुमार सिंह निर्दलीय सांसद चुने गए. 1984 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से गंगाराम सांसद चुने गए. 1989 में जनता दल से रामजीलाल सुमन संसद चुने गए. साल 1991, 1996 और 1998 में भारतीय जनता पार्टी की टिकट से प्रभु दयाल कठेरिया सांसद चुने गए.
उसके बाद 1999 और 2004 में रामजीलाल सुमन समाजवादी पार्टी की टिकट से चुनाव जीते. नए परिसीमन के बाद मौजूदा स्वरूप में आई इस सीट पर साल 2009 में अखिलेश यादव यहां से चुनाव जीते. हालांकि इसी साल 2009 में हुए उपचुनाव में यहां पर अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हार का मुंह देखना पड़ा और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से राजबब्बर चुनाव जीते.
साल 2014 में समाजवादी पार्टी से अक्षय यादव चुनाव जीते और साल 2019 में चंद्रसेन जादौन भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव जीते जो मौजूदा सांसद हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो इस सीट पर आजादी से लेकर अभी तक कोई महिला जीत कर संसद तक नहीं पहुंच सकी है.
इस बार भी किसी राजनीतिक दल ने महिला को चुनाव मैदान में नहीं उतारा है. फिरोजाबाद लोकसभा सीट के लिए इस बार कुल सात प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनका फैसला 18 लाख वोटर करेंगें. इन वोटरों में आठ लाख महिलाए भी हैं.
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