हल्द्वानी:उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने का सिलसिला लगातार जारी है. बात कुमाऊं मंडल की करें तो यहां के जंगलों में पिछले एक महीने से कई जगहों पर आग लग चुकी है. अभी भी पहाड़ों पर कई जगह पर आग लगी हुई है. लेकिन वन विभाग के अधिकारी आग की घटनाओं को रोकने के बजाय अपना-अलग तर्क दे रहे हैं. मौसम सर्दी का है, लेकिन पहाड़ के जंगलों में आग लगने का सिलसिला जारी है. यही आलम रहा तो आने वाले गर्मी के दिन में वन विभाग के लिए आग लगने की घटनाएं चुनौती खड़ी कर सकते हैं.
सर्दियों में सुलग रहे कुमाऊं के जंगल, जिम्मेदार दे रहे ये दलील
Kumaon Forest Fire मौसम के अनुकूल बारिश और बर्फबारी न होने से कुमाऊं के जंगल आग से धधक रहे हैं. आग लगने से वन संपदा को भारी नुकसान पहुंच रहा है.मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं पीके पात्रों का कहना है कि समय से बारिश ना होने से आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं. जहां से भी भी आग लगने की सूचना मिल रही है, वन कर्मियों को तत्काल मौके पर भेजा जा रहा है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Jan 26, 2024, 7:39 AM IST
|Updated : Jan 26, 2024, 11:48 AM IST
पहाड़ों पर आग लगने की घटनाओं से वन संपदा को भारी नुकसान पहुंच रहा है. वहीं वन्यजीवों को भी खतरा बना हुआ है. 15 फरवरी से वन विभाग का फायर सीजन शुरू होता है. लेकिन फायर सीजन से पहले ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आने लगी हैं. यही नहीं पिथौरागढ़ के जंगलों से आग लगने की कई घटनाएं सामने आ रही हैं. मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं पीके पात्रों ने बताया कि वन विभाग का 15 फरवरी से फायर सीजन शुरू होता है. लेकिन पहाड़ों पर बारिश नहीं होने के चलते जंगलों में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि पहाड़ों पर आग लगने की घटनाएं कुमाऊं के साथ-साथ पूरे प्रदेश में सामने आई हैं.
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वहीं आग बुझाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है. उन्होंने कहा कि फायर सीजन और लोकसभा चुनाव एक साथ होने के चलते कर्मचारियों की समस्या सामने आई है. उसके बावजूद भी आग की घटनाओं की निगरानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि पहाड़ों पर बारिश नहीं होने और मौसम शुष्क होने के चलते आग की घटनाएं सामने आ रही हैं. आग की घटनाओं की सेटेलाइट से निगरानी की जा रही है. जहां कहीं भी आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं, कर्मचारियों को आग बुझाने के लिए तत्काल मौके पर भेजा जा रहा है.